100 आतंकियों को मार चुका ये एसएसपी 11 साल से आतंकियों की गोली बदन में मेकर कर रहा है सर्विस
शौर्य और जिंदादिली की मिसाल हैं जम्मू के राजौरी जिले में तैनात एसएसपी युगल मन्हास
एसएसपी युगल मन्हास एक ऐसा जिंदा दिल इंसान जो पिछले 11 सालों से अपने शरीर में आतंकियों की मारी हुई गोली के साथ सर्विस कर रहे हैं
एसएसपी मन्हास के नाम बहादुरी के कई कारनामे जुड़े हुए हैं। उन्होंने दहशतगर्दों के खिलाफ 30 से ज्यादा आॅपरेशन लीड किए हैं और 100 से ज्यादा आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। इस शौर्य और अदम्य साहस के लिए उन्हें राष्ट्रपति पदक से भी नवाजा जा चुका है। वह आतंकियों से सीधी टक्कर लेने वाले ग्रुप एसओजी में भी रह चुके हैं।
शरीर में लगी गोली के बारे में एसएसपी मन्हास ने पत्रकारों को बताया कि 2007 में बतौर डीएसपी वह मेंढर में तैनात थे। इसी दौरान 23 मार्च 2007 को वह अपनी टीम के साथ कहीं जा रहे थे। उन पर फिदायीन आतंकियों के गुट ने हमला कर दिया। डीएसपी युगल मन्हास को इस मुठभेड़ में 5 गोलियां लगीं। ये गोलियां एके-56 से चलाई गई थीं। गोलियां उनके सीने, पेट, जांघ और हाथों में लगी थीं।
बाद में उन्हें हेलिकाॅप्टर से जम्मू ले जाया गया, जहां डाॅक्टरों ने उनकी चार गोलियां तो निकाल दीं, लेकिन सीने में धंसी गोली को डाॅक्टरों ने नहीं छुआ। डाॅक्टरों का मानना था कि अगर इस गोली को निकालने की कोशिश हुई तो उनकी जान खतरे में आ सकती है। ये गोली आज भी उन्हें दर्द देती है, लेकिन वह पेनकिलर खाकर अपनी सर्विस करते हैं।
मार्च 2018, में सुंदरबनी में आतंकियों की सूचना मिलने पर मन्हास ने खुद एके-47 लेकर आॅपरेशन को लीड किया था। दिन भर चले आॅपरेशन में चार आतंकी मारे गए थे, जबकि पुलिस टीम को कोई नुकसान नहीं हुआ था। ये ग्रुप फिदायीन था और बड़ा हमला करने के लिए पाकिस्तान से आया था। उन्होंने पुंछ में आतंकियों के नेटवर्क का सफाया कर दिया था। अब तक कई आतंकी उनकी टीम के हाथों ढेर कर किए जा चुके हैं। डोडा जिलेे के रहने वाले युगल मन्हास बतौर डीएसपी पुलिस में भर्ती हुए थे। उन्होंने बचपन से ही आतंकवाद का दंश झेला है। इसी वजह से उन्होंने अपने करियर के तौर पर पुलिस सेवा का चुनाव किया।