जातिवादी मानसिकता का आरोप लगाकर भाजपा-संघ पर बरसे राहुल, मायावती ने पूछा: कहां गए मोदी?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान मेडिकल टेस्ट में उम्मीदवारों के सीने पर उनसे जुड़ी जाति का ठप्पा लगाने की आलोचना की है और इसे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का जातिवादी नजरिया कहा है। राहुल ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने जातिवादी दृष्टिकोण से देश को चोट पहुंचाया है। राहुल ने एक ट्वीट में घटना को लेकर भाजपा और आरएसएस की सोच को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस तरह की सोच को हराएगी। राहुल गांधी ने कांस्टेबल उम्मीदवारों की एक तस्वीर भी संलग्न की, जिसमें उनके सीने पर चिन्ह अंकित किए गए थे।

उन्होंने ट्वीट किया है, “भाजपा सरकार की जातीय मानसिकता ने देश के सीने पर चोट पहुंचाई है। मध्य प्रदेश के युवाओं के सीने पर एससी/एसटी लिखकर संविधान पर हमला किया गया है।” उन्होंने कहा, “यह भाजपा/आरएसएस की सोच है। इसी सोच ने पहले दलितों को अपने गले में ‘हांडी’ बांधने व शरीर से झाड़ू बाधने को बाध्य किया था और उन्हें मंदिरों में जाने की अनुमति नहीं दी। हम इस मानसिकता को हराएंगे।”

मध्य प्रदेश के धार जिले में चिकित्सा जांच के दौरान आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के सीने पर एससी (अनुसूचित जाति) या एसटी (अनुसूचित जनजाति) अंकित किया गया था। राज्य सरकार ने इस मामले में रविवार को जांच के आदेश दिए थे। राज्य के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसे गंभीर मसला बताते हुए कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इधर, धार के पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इसके पीछे कोई दुर्भावनापूर्ण मंशा नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा, “पिछली बार भर्ती के दौरान कुछ गलतियां हुई थीं। अस्पताल ने इस बार किसी भी गलती से बचने के लिए इस पद्धति का इस्तेमाल किया होगा। हालांकि, मामले में जांच का आदेश दे दिया गया है।”

इस बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मामले पर चुप्पी साधने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने उजागर कर दिया है कि इन भगवाधारी पार्टियों के लिए दलित सिर्फ वोट बैंक हैं। इसके अलावा उनके दिल में दलितों के लिओ कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने पूछा कि क्या यह प्रधानमंत्री और उनकी भाजपाई टीम को शोभा देता है कि वो इस मसले पर चुप रहें? उन्होंने केंद्र सरकार से इस संबंध में तुरंत सख्त चेतावनी जारी करने का आदेश देने की मांग की है, ताकि भविष्य में फिर ऐसी घटना न हो सके।

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