दिल्ली तलब को बिप्लब देब ने बताया बकवास, बोले- मुझे बेटे की तरह चाहते हैं नरेंद्र मोदी
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने मंगलवार (1 मई) को उन मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिनमें ये कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री बिप्लब देब को उनके विवादास्पद बयानों के कारण दिल्ली तलब किया है। सीएम बिप्लब देब ने दावा किया कि, उनकी दिल्ली यात्रा पहले से प्रायोजित थी। पीएम मोदी उन्हें बेटे की तरह प्यार करते हैं। उन मीडिया रिपोर्टों में कोई दम नहीं है, जिनमें ये कहा गया था कि मुझे मोदी जी ने दिल्ली तलब किया है।
मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी ने मंगलवार (1 मई) को त्रिपुरा में उनके जाने के बाद बताया था कि सीएम बिप्लब देब दिल्ली में कार्यक्रमों की श्ृंखला में हिस्सा लेने के लिए गए हैं। दिल्ली से मुख्यमंत्री बंगलुरू जाएंगे। वहां पर आगामी 12 मई को होने वाले कर्नाटक चुनावों के मद्देनजर वह भाजपा नेताओं के साथ चुनाव प्रचार में हिस्सा लेंगे। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सचिव मिलिन्द रामटेके ने कहा कि मुख्यमंत्री बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में भी भाग लेंगे। ये बैठक महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगांठ मनाने के लिए राष्ट्रीय कमिटी गठित करने के लिए आयोजित की जा रही है। सीएम देब मुख्यमंत्री बनने के बाद कई केन्द्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात करना चाहते थे, जिनमें प्रकाश जावड़ेकर भी शामिल हैं। सीएम बिप्लब देब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ भी मुलाकात करेंगे। इस मौके पर देब के साथ ही नार्थ ईस्ट के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद होंगे।
बिप्लब देब ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री की कुर्सी हाल ही में संभाली है। वह आजकल अपने विवादित बयानों के कारण खासी सुर्खियां बटोर रहे हैं। उनके बयानों को काफी आलोचना का भी सामना करना पड़ा है। बीते शनिवार (28 अप्रैल) को अगरतला में एक जनसभा में बोलते हुए देब ने कहा था कि राज्य के शिक्षित युवाओं को पान की दुकान खोलने या फिर गाय पालने जैसे स्वरोजगार के उपक्रमों पर भी ध्यान देना चाहिए न कि सिर्फ सरकारी नौकरी की तरफ भागते रहना चाहिए। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने कहा,’ युवाओं को स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाले कई प्रोजेक्ट पर भी ध्यान देना चाहिए। मुद्रा योजना के तहत बैंक लोन लेकर पशु संसाधन विभाग की योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है। युवा कई सालों से सरकारों के पीछे सिर्फ सरकारी नौकरी के लिए दौड़ रहे हैं। वह अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय इसके पीछे बरबाद कर देते हैं। अगर उतना ही संसाधन लगाकर युवा पान की दुकान भी खोल लेते तो अब तक उनके पास पांच लाख का बैंक बैलेंस होता।’