PHOTOS: जाते-जाते अपने पीछे ये यादें छोड़ गए एयरफोर्स के इकलौते फाइव स्टार मार्शल अर्जन सिंह
भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह का 98 साल की उम्र में 16 सितंबर को निधन हो गया है। एयरफोर्स फाइव स्टार रैंक वाले मार्शल सिंह एकलौते ऑफीसर थे। जैसा सेना का अनुशासन उनके अंदर भरा था वैसे अब तक शायद किसी सेनानायक में न हो। भारत 1965 के युद्ध में मार्शल अर्जन सिंह का शानदार नेतृत्व कभी नहीं भूलेगा, वह हमेशा याद आएंगे। सिंह भले ही इस दुनिया से रुक्शत हो गए हैं लेकिन वे अपने पीछे न जाने कितनी ही यादें छोड़ गए हैं। देखिए सिंह की कुछ यादगार तस्वीरें।
जब भारत और पाकिस्तान की लड़ाई शुरु हुई थी तो वे एयरफोर्स में एयर मार्शल की पोस्ट पर थे लेकिन बाद में जब लड़ाई खत्म हुई तो उन्हें मार्शल बनाया गया।
अर्जन सिंह 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। 1 अगस्त 1964 से 15 जुलाई 1969 तक वह वायुसेनाध्यक्ष थे और 1965 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
उनकी सेवाओं के सम्मान में, भारतीय वायु सेना ने उन्हें जनवरी 2002 में वायुसेना के मार्शल रैंक से सम्मानित किया और उन्हें पहला और एकमात्र 5 स्टार रैंक ऑफिसर बनाया गया था। उन्होंने युद्ध के समय भारतीय वायु सेना का सफल नेतृत्व कर अपने प्रयास को दिखाया। 1969 में भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्ति पर, उन्हें स्विट्जरलैंड में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया था।
जाकिर हुसैन और इंदिरा गांधी के साथ अर्जन सिंह।
यंग एज में रिटायर हुए अर्जन सिंह को कई देशों में एम्बेसडर बनाया गया। वो एक बार दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर भी बनाए गए।
जिस दौरान भारत पाक का युद्ध हुआ था उस वक्त आर्मी के पास कोई रिजर्व फोर्स नहीं थी। इस दरमियान रक्षा मंत्री यशवंत राव चह्वाण ने अर्जन सिंह से कहा था कि कुछ करो, जब उन्होंने कहा कि आप परमीशन दें मैं करती हूं।
एयरफोर्स में अर्जन सिंह जैसा फाइव स्टार रैंक का अधिकारी अब तक कोई नहीं है।
आशा भोसले के साथ अर्जन सिंह।