पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल को खून से चिट्ठी लिख कर दी आमरण अनशन की धमकी
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल को खून से खत लिखा है। मिश्रा ने एनजीटी में लैंडफिल का विरोध करने को लेकर यह कदम उठाया है। साथ ही उन्होंने आमरण अनशन करने की भी धमकी दी है। कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर खून से लिखा खत पोस्ट करते हुए कहा है कि अगर दिल्ली सरकार, डीडीए और ईडीएमसी द्वारा कल यानी गुरुवार को एनजीटी में लैंडफिल का विरोध नहीं किया गया तो वह 5 मई से आमरण अनशन पर बैठेंगे। दरअसल, कल एनजीटी में कपिल द्वारा लैंडफिल के विरोध में दायर की गई याचिक पर सुनवाई की जा रही है।
कपिल ने खत में केजरीवाल और बैजल को संबोधित करते हुए लिखा कि कृपया करके वे यमुना नदी पर लैंडफिल का विरोध करें। उन्होंने लिखा कि लैंडफिल कैंसर के बराबर है और कैंसर मतलब मौत होता है। कपिल ने कहा, ‘लैंडफिल से यमुना नदी दूषित हो जाएगी, अंडरग्राउंड वाटर भी जहरीला हो जाएगा और यह सीधे तौर पर 25 लाख जिंदगियों को प्रभावित करेगा। मैं मांग करता हूं कि डीडीए, ईडीएमसी, सीपीसीबी और दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग को लिखित तौर पर एनजीटी में इसका विरोध करना चाहिए।’
ख़ून से लिखा पत्र
@LtGovDelhi और @ArvindKejriwal
के नामNo Landfill on Yamuna Riverbed
अगर कल NGT में दिल्ली सरकार, DDA तथा EDMC के वकीलों ने लैंडफिल का विरोध नहीं किया तो शनिवार 5 मई से होगा “आमरण अनशन”
सरकार सपोर्ट में – पार्टी विरोध में
नहीं चलेगा, नहीं चलेगा pic.twitter.com/jvppcAtHsm— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) May 2, 2018
उन्होंने आगे लिखा, ‘सरकार के सभी विभागों के सरकारी वकील और पर्यावरण मंत्री कल एनजीटी कोर्ट में लिखित में दें कि सोनिया विहार में लैंडफिल नहीं बनेगा। अगर कल एनजीटी में दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री व पर्यावरण विभाग ने तथा डीडीए, ईडीएमसी ने लिखित में लैंडफिल का विरोध नहीं किया तो शनिवार 5 मई 2018 को सुबह 8 बजे से खजूरी चौक पर आमरण अनशन शुरू करूंगा। सरकार सपोर्ट में, पार्टी कोर्ट में नहीं चलेगा।’ इसके अलावा कपिल का कहना है कि अगर दिलीप पांडेय या आप के अन्य किसी नेता को ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है तो वे लोग भी अनशन में शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें कि सोनिया विहार और घोंडा की जमीन को लैंडफिल साइट के लिए आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को आप के कुछ नेता और कपिल मिश्रा दोनों ने ही चुनौती दी है।