आदित्य नाथ कर्नाटक में कर रहे थे प्रचार, इधर एक मंत्री ने दूसरे को बताया जिन्ना का रिश्तेदार
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नही ले रहा है। अब इस मुद्दे पर सूबे की सरकार के दो मंत्रियों के बीच ही ठन गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ 3 मई को कर्नाटक में चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। तो इधर योगी के दो मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और ओम प्रकाश राजभर इस मुद्दे पर एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे थे। बात यहां तक बढ़ गई कि ओम प्रकाश राजभर ने जिन्ना को स्वामी प्रसाद मौर्य का रिश्तेदार तक बता दिया। बता दें कि बीजेपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना को महान शख्सियत बताया था।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज फिर कहा, “जो इस प्रकार से बकवास भरे बयान, चाहे हमारे सांसद विधायक हों या किसी अन्य दल के दे रहे हों, लोकतंत्र में उसकी कोई मान्यता नहीं है, जिन भी महापुरुषों का योगदान इस राष्ट्र के निर्माण में रहा है, यदि उनपर कोई अंगुली उठाता है, तो हम समझते हैं कि यह बहुत घटिया है।” इस बावत जब सरकार में बीजेपी के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर की प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, “यदि जिन्ना की फोटो लगी है, तो हम उसका विरोध करते हैं, और वहां से वो फोटो तत्काल हटाई जानी चाहिए, ये ओम प्रकाश राजभर भारतीय समाज पार्टी चाहती है।” जब उनसे कहा गया कि स्वामी प्रसाद मौर्या फोटो हटाने के खिलाफ हैं तो उन्होंने कहा, “स्वामी प्रसाद मौर्या उनके रिश्तेदार होंगे, हो सकता है।”
इधर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भारत में जिन्ना का सम्मान असंभव है। कर्नाटक चुनाव प्रचार के लिए जाते हुए योगी ने कहा कि जिन्ना ने इस देश का बंटवारा करवाया था, यहां उनका सम्मान कैसे हो सकता है। बता दें कि एएमयू कैंपस से जिन्ना की फोटो हटाने की मांग करते हुए हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता बुधवार (2 मई) की रात को यूनिवर्सिटी कैंपस घुस गये थे। एएमयू के एक प्रवक्ता ने हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा परिसर के अंदर जबरन घुसकर बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ नारेबाजी करने का आरोप लगाते हुए इसकी कड़ी निन्दा की है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि राज्य सरकार उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, जिन्होंने एएमयू का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में घायल छात्र संघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने कहा कि अगर सरकार की तरफ से इंसाफ के सारे दरवाजे बंद हो जाएंगे तो एएमयू के छात्र देश के सभी धर्मनिरपेक्ष संगठनों की मदद से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाएंगे।