पान की दुकान, ऑटो रिक्‍शा जैसे स्‍टार्ट अप आइडिया नीतीश सरकार ने किए रिजेक्‍ट

बिहार की उद्धमशीलता को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार ने ‘स्टार्ट अप’ योजना का आगाज किया था। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने युवाओं से ‘स्टार्ट अप’ (नवीन उद्योग) लगाने के लिए आवेदन मंगवाए थे। राज्य भर के युवाओं की तरफ से ‘स्टार्ट अप’ के लिए राज्य सरकार को करीब 5000 आवेदन प्राप्त हुए। लेकिन इनमें से करीब 4500 आवेदन रिजेक्ट (निरस्त) कर दिए गए हैं। दरअसल रिजेक्ट किये गये ज्यादातर आवेदनों में युवाओं ने पान की दुकान और आटा मिल खोलने से संबंधित आवेदन राज्य सरकार को भेजे हैं। बिहार ‘स्टार्ट अप’ योजना के पोर्टल पर आए आवेदनों में आवेदन कर्ताओं का कहना है कि मुझे गांव में आटा चक्की खोलनी है, मुझे पान की दुकान लगानी है. मुझे शहर में चलाने के लिए एक ऑटो खरीदना है।

नीतीश सरकार ने पिछले साल ‘स्टार्ट अप’ योजना की शुरुआत राज्य में उद्धमशीलता को बढ़ावा देने के लिए किया था। इस योजना के तहत 500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे। लेकिन इस योजना के तहत सिर्फ 29 उद्धमियों के आवेदन का चयन किया गया है, जिन्हें सरकार 71 लाख रुपये देगी। एक दिलचस्प बात यह भी है कि इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए सरकार ने विभिन्न विभागों पर तीन करोड़ रुपये भी खर्च किये।

राज्य के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने न्यूज 18 से बातचीत करते हुए कहा है कि जागरुकता नहीं होने की वजह से युवा इस योजना को समझ नहीं पाए। उन्होंने बतलाया कि ‘स्टार्ट अप’ योजना के बारे में और ज्यादा जानकारी देने और लोगों को जागरुक करने के लिए अब ब्लॉक स्तर पर प्रयास किये जाएंगे। फिलहाल जो आवेदक इस योजना के तहत चयनित किये गये हैं उन्हें 10 लाख रुपए उद्योग शुरू करने के लिए दिये जाएंगे।

उन्होंने बतलाया कि इस योजना के तहत सिर्फ उन्हीं आवेदनों का चयन किया जाता है जिन आवेदक के पास कुछ नया उद्योग लगाने को लेकर उत्सुक हों। इस योजना के तहत पहली किस्त के तौर पर उन्हें ढाई से तीन लाख रुपये दिये जाते हैं। उन्होंने बतलाया कि अब इस ‘स्टार्ट अप’ योजना को लेकर कुछ बदलाव भी किये गये हैं। अगर आवेदक द्वारा दिये गये रोजगार लगाने के प्रस्ताव को कोई एजेंसी या बैंक हरी झंडी दे दे तो वो आवेदक को राशि देंगे।

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