आरएसएस मुखिया मोहन भागवत की हिदायत- बीजेपी नेता दलितों के घर खाना खाकर प्रचार न करें।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखिया मोहन भागवत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा है कि बीजेपी नेता दलितों के घर खाना खाकर प्रचार न करें। वे अपने घरों पर दलितों को बुलाएं और खाना खिलाएं। आपको बता दें कि भागवत की इस प्रतिक्रिया से पहले बीजेपी की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दलितों के साथ खाना खाने को लेकर बयान दिया था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि वह दलितों के घर खाना खाने नहीं जाती, बल्कि वह उन्हें अपने घर बुलाकर खाना खिलाना ज्यादा उचित समझती हैं। वह राम हैं नहीं जो दलित उनके साथ खाना खाने के बाद पवित्र हो जाएंगे।
आरएसएस प्रमुख ने इसी क्रम में गुरुवार (तीन मई) को एक रैली में कहा, “दलितों के यहां खाना खाना, मीडिया को बुलाना या फिर पब्लिसिटी स्टंट के लिए ये सब करना अच्छी बात नहीं है। नेताओं को दलितों से नियमित मिलते रहना चाहिए। दलितों के घर सिर्फ खाना खाने से काम नहीं चलेगा। आपको उनके घर अपने परिजन को भेजना चाहिए। साथ ही उन्हें भी अपने घर बुलाना चाहिए।”
नौगांव के ददरी गांव में इससे पहले केंद्रीय मंत्री बोली थीं, “मैं दलितों के यहां खाना खाने नहीं जाती। हालांकि, मैं इसका समर्थन करती हूं। मैं अलग से भोजन करने जाती हूं। दलितों को अपने घर में भी बुलाकर खाना खिलाती हूं। मैं भगवान राम नहीं कि उनके साथ खाना खाऊंगी तो वे पवित्र हो जाएंगे, बल्कि वह जब हमारे घर आएंगे और रसोई में बैठकर खाना खाएंगे, तब हम पवित्र हो जाएंगे।”
भारती का कहना था कि वह कभी सामाजिक समरसता भोजन में शामिल नहीं होतीं। ऐसा इसलिए, क्योंकि वह खुद को प्रभु श्री राम नहीं मानती हैं कि शबरी के घर जाकर भोजन करने से दलित पवित्र हो जाएंगे।
जानकारों की मानें तो बीजेपी नेताओं ने इसी मसले को ध्यान में रखते हुए दलितों के घर जाकर भोजन करना शुरू किया था, ताकि दलित वर्ग की उनके प्रति नाराजगी कम हो। बीते दिनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर कर्नाटक में बीजेपी के सीएम चेहरा बीएस येदियुरप्पा समेत कई नेता दलितों के घर पहुंचकर खाना खा चुके हैं।