Video: PETA ने जारी किया वीडियो और किया दावा कि वीडियो देखने के बाद कभी मांस नहीं खा पाएंगे

पीपुल फॉर द इथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा) के सदस्य लोगों से हमेशा शाकाहारी बनने की अपील करते हैं। अब पेटा ने अपना एक नया वीडियो जारी किया है। इस वीडियो के जरिए पेटा ने दावा किया है कि जो लोग मांस का सेवन करते हैं वो इस वीडियो को देखने के बाद मांस का सेवन बंद कर देंगे। दरअसल इस वीडियो में दिखलाया गया है कि कैसे पशुओं को फर्म हाउस में रखा जाता है और किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरने के बाद उनका मांस आपकी थाली तक पहुंचता है।

वीडियो की शुरुआत में मशहूर फिल्म अभिनेता माधवन यह बताते हैं कि जब इन पशुओं को मारा जाता है तो इन जानवरों को भी उतना ही दर्द होता है जितना हमें। उनकी जान की कीमत भी उतनी ही है जिनती हमारी। मारे जाने से पहले वो अपनी अंतिम सांस के लिए संघर्ष करते हैं। अगर आप मांसाहारी हैं तो आपको यह जानने चाहिए कि जिन जानवरों मसलन – चिकने, सूअर, गाय, भेड़ को आप खाते हैं उन्हें मारे जाने से लेकर उनके ट्रांसपोर्ट तक की प्रक्रिया कैसी होती है।

इसके बाद फर्म हाउस (जहां मुर्गों या चिकेन को रखा जाता है) में रखे गए चिकेन के बारे में कहा गया है कि पोल्ट्री फर्म में हजारों चिकन को एक साथ रखा जाता है। इन्फेक्शन और दूसरी अन्य कई वजहों से कई मुर्गों की आंखें खराब हो जाती हैं और उनके होंठ जल जाते हैं। वीडियो में कहा गया है कि फर्म में रखे गये चिकने का शारीरिक विकास भी प्राकृतिक तरीके से नहीं हो पाता। उनके खाने में दवाइयां देकर उनके शरीर का विकास जल्दी से जल्दी किया जाता है। कई बार इसके परिणाम स्वरुप कई सारे चिकेन अपंग हो जाते हैं। मुर्गी फर्म में मुर्गियों को छोटे-छोटे पिंजड़ों में जिंदगी भर बंद कर के रखा जाता है। यह इतने छोटे पिंजड़े होतें है जिनमें वो अपना पंख भी नहीं फैला सकते। ऐसा नहीं करने की वजह से मशल्स का विकास नहीं हो पाता।

अंत में चिकेन को पंखों या पैरों से पकड़कर पिंजड़े में रखा जाता है। इस दौरान उनके शरीर की कई हड्डियां टूट जाती हैं। एक साथ कई चिकेन को उल्टा (पैरों से बांधकर) लटका कर उन्हें आप तक पहुंचाया जाता है। इसी तरह अन्य जानवरों सूअर, भेड़, और गाय के बारे में भी इस वीडियो में बतलाया गया है कि गायों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। कई जानवरों को बूचड़खाने तक जाने के लिए मीलों तक चलाया जाता है और इस दौरान उन्हें भूखा-प्यासा भी रखा जाता है।

 

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