बीएचयू में प्रॉक्टर के ऑफिस में घुसकर दर्जनों छात्रों ने की तोड़फोड़, छात्रों पर हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के बाद अब काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में बवाल हो गया है। दर्जनों छात्र कथित तौर पर बीएचयू की चीफ प्रॉक्टर रॉयाना सिंह के कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़ की। उन्होंने इसको लेकर छात्रों के खिलाफ स्थानीय पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। रॉयाना सिंह ने 30 से ज्यादा छात्रों पर हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक, 40 से 50 छात्र काला मास्क लगाकर हाथों में डंडे लेकर कार्यालय में घुस आए थे। चीफ प्रॉक्टर का आरोप है कि छात्रों ने उनके साथ ही उस वक्त वहां मौजूद दो अन्य शिक्षकों और एक सुरक्षाकर्मी के साथ मारपीट भी की थी। रॉयाना सिंह ने बताया कि यह घटना बुधवार (2 मई) की है। उन्होंने छात्रों पर आइना और फर्नीचरों को तोड़ने का भी आरोप लगाया है। प्रॉक्टर की मानें तो हमलावर छात्र धमकी देकर चलते बने थे। बता दें कि कुछ महीने पहले बीएचयू में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटना को लेकर कैंपस में जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन हुआ था।
छात्रों ने आरोपों का किया खंडन: एफआईआर में नामजद छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर रॉयाना सिंह के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खंडन किया है। एक छात्र ने बताया कि प्रॉक्टर ने कुछ सप्ताह पहले एक टीवी चैनल को बताया था कि पिछले साल सितंबर में बीएचयू में हुआ विरोध-प्रदर्शन प्रयोजित था। एक छात्रा से यौन उत्पीड़न के बाद पूरा कैंपस उबल पड़ा था। इस छात्र का कहना है कि वह अन्य साथियों के साथ चीफ प्रॉक्टर से इस बाबत जानकारी हासिल करने गए थे कि उन्होंने किस आधार पर यह आरोप लगाया है। छात्रों की मानें तो रॉयाना सिंह ने टीवी चैनल को कथित तौर पर स्टूडेंट्स के प्रदर्शन में बाहरी तत्वों द्वारा पैसा लगाने और खानेपीने का इंतजाम करने तक की बात कही थी। इस छात्र ने बताया कि 2 मई को शाम को छह बजे तकरीबन 20 छात्र प्रॉक्टर के कार्यालय में गए थे। वहां गलती से शीशा टूट गया था, जिसके लिए उनलोगों ने माफी भी मांगी थी। छात्रों ने बताया कि काफी देर तक इंतजार करने पर भी प्रॉक्टर छात्रों से मुलाकात करने बाहर नहीं आई थीं, जिसके बाद एक छात्र ने दरवाजा खटखटाया था। इस दौरान शीशा टूट गया था। इस छात्र ने नकाब लगाने की बात से भी इनकार किया है।