महाराष्‍ट्र: 5 बार खारिज होने के बाद आखिरकार छगन भुजबल की जमानत याचिका मंजूर

बम्बई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को शुक्रवार को जमानत दे दी। भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में 14 मार्च, 2016 को गिरफ्तार किए गए भुजबल लगभग दो साल दो महीने से जेल में हैं। इससे पहले भुजबल की जमानत याचिका पांच बार खारिज की जा चुकी थी। उनके खराब स्वास्थ्य और बढ़ती आयु को देखते हुए शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली गई। उनके वकीलों ने न्यायालय के आदेश के बाद कहा कि ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ की वकालत करने वाले और प्रदेश की राजनीति में मजबूत दखल रखने वाले भुजबल की जमानत की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शुक्रवार शाम तक वह जेल से बाहर आ सकते हैं।
राकांपा नेता अजीत पवार और सांसद सुप्रिया सुले पवार ने उन्हें जमानत मिलने पर खुशी जाहिर की है। इस दौरान भुजबल के हजारों समर्थकों ने आतिशबाजी कर तथा मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई।

बता दें बीते साल भुजबल की बेनामी संपत्ति केस में आयकर विभाग ने 300 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी न सिर्फ भुजबल की संपत्ति जब्त की गई थी बल्कि उनके बेटे और भतीजे को भी नोटिस भेजे गए थे। उनके बेटे पंकज और भतीजे समीर भुजबल की संपत्तियों की अस्थायी कुर्की के लिए नोटिस भेजे गए थे। दोनों को ही कथित बेनामी संपत्तियों के लाभार्थियों के रूप में चिह्नित किया गया था। आयकर विभान ने नासिक की गिर्णा शुगर मिल्स, मुंबई के सांताक्रूज में रिहायशी इमारत सॉलिटेयर को भी जब्त किया था। सॉलिटेयर की कीमत लगभग साढ़े 11 करोड़ और गिर्णा शुगर मिल्स की कीमत लगभग 80.97 करोड़ आंकी गई थी। इसके अलावा बांद्रा पश्चिम में हबीब मेनोर और फातिमा मेनोर बिल्डिंग को भी जब्त किया गया था। इनकी कीमत लगभग 43.61 करोड़ रुपये बताई जा रही है।बाते दें भुजबल परिवार पर 40 से ज्यादा फर्जी कंपनियां बनाकर काले धन को वैध बनाने के आरोप है। आयकर विभाग के मुताबिक भुजबल फैमिली ने कथित रूप से इन कंपनियों में गोरखधंधा कर इतनी संपत्ति बनाई है।

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