लोकसभा अध्यक्ष का सलाहकार था विहिप नेता, अध्यक्ष बना तो सुमित्रा महाजन ने हटाया
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विश्व हिंदू परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे को अपने मानद सलाहकार के पद से हटा दिया है। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक नौ मई को जारी आदेश में कहा गया है कि कोकजे का जुड़ाव 14 अप्रैल 2018 की दोपहर से खत्म हो गया है। दरअसल इसी तिथि को कोकजे ने संगठन के चुनाव में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी।इस नाते लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया।
14 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष पद पर चुनाव हुए थे। कोकजे ने अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में राघव रेड्डी को हराया था।राघव रेड्डी प्रवीण तोगड़ियों गुट के बताए जाते हैं।वहीं अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पद के चुनाव में आलोक कुमार निर्वाचित हुए थे।प्रवीण तोगड़िया की नाराजगी के चलते विश्व हिंदू परिषद के पांच दशक के इतिहास में पहली बार पदों पर नियुक्ति के लिए चुनाव करना पड़ा।
इससे पहले सर्वसम्मति से पदाधिकारियों का चुनाव होता था। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलने के कारण संघ ने प्रवीण तोगड़िया की पद से विदाई करने की तैयारी की। पहले उन्हें सर्वसम्मति से नए पदाधिकारियों के निर्वाचन के लिए मनाने की कोशिश हुई मगर वह नहीं माने तो फिर चुनाव का रास्ता अख्तियार किया गया।उधर विहिप के नवनिर्वाचित अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद विष्णु सदाशिव कोकजे ने संगठन में चुनाव को दुखद बताते हुए कहा था कि संगठन में सद्भाव कम होने से चुनाव की स्थिति बनी। जबकि विश्व हिंदू परिषद के नये अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि जब कोई व्यक्ति स्वयं को संगठन से बड़ा समझ लेता है, तो वहीं से गलती शुरू हो जाती है।आलोक कुमार के पद पर ही पहले प्रवीण तोगड़िया कार्यरत थे।
जिन्ना विवाद के बहानेः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर ने न केवल विश्वविद्यालय कैंपस बल्कि सियासी गलियारों का तापमान बढ़ा दिया। जिसके बाद संघ के मुखपत्र पांचजन्य के ऑनलाइन संस्करण में मो. अली जिन्ना पर लेखों की एक श्रृंखला प्रकाशित हुई है। इसमें जिन्ना की जिंदगी के चार से पांच पहलुओं पर रोशनी डाली है। श्रृंखला का पहला लेख बुधवार(नौ मई) को वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ, हालांकि प्रकाशित ताजा प्रिंट संस्करण में लेख नहीं है। पहली रिपोर्ट में जिन्ना की उनकी पत्नी रतनबाई, बेटी डीना वाडिया और बहन फातिमा जिन्ना के साथ रिश्ते के बारे में है।रिपोर्ट में दावा है कि जिन्ना ने अपनी पत्नी और बेटी को नजरअंदाज कर दिया था।