पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता के दावे के अनुसार हिंदू से बदसलूकी, सिर-मूंछ से लेकर भौंहें तक मुंडवाया
आजादी के बाद से ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यक आबादी की सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दा रही है। दशकों बाद भी इस मुल्क में अल्पसंख्यकों की हालात में कोई सुधार नहीं आया। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में लगातार अल्पसंख्यकों की आबादी घटती जा रही है। यहां दूसरे धर्मों के लोगों को अपने रीति रिवाजों से चलने पर कट्टरपंथी धड़े के विरोध का सामना करना पड़ता रहा है। अब पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता और ब्लॉगर कपिल देव ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि शिकारपुर पुलिस ने कथित तौर पर एक हिंदू शख्स से बदसलूकी है। रिपोर्ट के मुताबिक शिकारपुर पुलिस ने हिंदू व्यापारी चुन्नीलाल का सिर मुंडवा दिया। उनकी मूंछें छील दी गईं। भौहें काट दी गईं। चुन्नीलाल पर आरोप लगाया गया कि वो ब्याज पर उधार पैसे देते थे। कपिल देव ने ट्वीट में आगे लिखा कि निर्दयी पुलिसकर्मी ने एक कमजोर हिंदू अल्पसंख्यक को अपमानित करने के लिए यह सब किया। क्या कानून ने कोई नियम बनाया है? गौरतलब है कि पाकिस्तान में हिंदू आबादी के खिलाफ अपराध की खबरें आना आम बात है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 1947 में अंग्रेजों से आजादी के बाद जब धर्म के नाम दो मुल्क बने तो मुस्लिम देश पाकिस्तान से लाखों की तादाद में हिंदुओं को पलायन करने को मजबूर होना पड़ा। एक अमेरिकी रिसर्च कंपनी के मुताबिक 14 अगस्त के पाकिस्तान की आजादी के बाद करीब पचास लाख लोगों ने पश्चिमी पाकिस्तान से भारत के लिए पलायन किया। इनमें हिंदुओं के अलावा सिखों की भी अच्छी आबादी थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दो देशों की लकीर खिंचने के बाद पचास लाख से ज्यादा मुस्लिम पश्चिमी पाकिस्तान में पहुंचे थे। साल 1998 में आई एक रिपोर्ट में पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 25 लाख के करीब बताई गई। इसमें हिंदुओं की सबसे अधिक संख्या सिंध प्रांत में बताई गई।