बिप्लब देव के अटपटे बयानों पर बोले अमित शाह- नए हैं, समझ जाएंगे

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने अटपटे बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब का बचाव किया है। अमित शाह ने बिप्लब देव के काम की तारीफ की है और कहा है कि अभी वह नए हैं, वक्त के साथ चीजों को समझ जाएंगे। बता दें कि महाभारत काल में इंटरनेट की मौजूदगी से लेकर सरकारी नौकरी के बजाय पान की दुकान खोलने जैसे बयान देने वाले देब सोशल मीडिया पर खूब आलोचना के शिकार हो रहे हैं। उनका ताजा बयान गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर को लेकर आया है। उदयपुर में एक कार्यक्रम में बिप्लब देब ने कहा कि रबीन्द्रनाथ टैगोर ने हिन्दुस्तान में ब्रिटिश राज का विरोध करते हुए साहित्य के नोबेल पुरस्कार को वापस कर दिया था। लेकिन बिप्लब देब का ये बयान गलत है। दरअसल रबीन्द्रनाथ टैगोर ने जालियांवाला बाग नरसंहार के विरोध में 1919 में ब्रिटिश सरकार से मिली नाइटहुड की उपाधि को वापस कर दिया था। बता दें कि जालियांवाला हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को हुआ था। टैगोर को नाइटहुड की उपाधि ब्रिटिश सरकार ने 1915 में दी थी। जबकि साहित्य का नोबेल प्राइज उन्हें 1913 में स्वीडिश अकॉदमी ने दिया था। बिप्लब देब ने अपने भाषण में दोनों तथ्यों का घालमेल कर दिया।

हाल ही में अमित शाह से जब बिप्लब देब के बयानों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने मजेदार जवाब दिया। इंडिया टुडे ने देब के उस बयान का हवाला देकर अमित शाह से सवाल पूछा जिसमें उन्होंने कहा था कि महाभारत काल में भी इंटरनेट मौजूद था। इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा, “अभी नये हैं, समझ जाएंगे।” अमित शाह ने त्रिपुरा के सीएम के कामकाज की तारीफ भी की।

हाल ही में रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बिप्लब देब के विवादास्पद बयानों को लेकर पीएम मोदी ने उन्हें दिल्ली तलब किया था। खबरों के मुताबिक 2 मई को मोदी और अमित शाह ने त्रिपुरा सीएम को मिलने बुलाया था। बता दें कि इसी साल मार्च में त्रिपुरा में सत्ता संभालने वाले बिप्लब देब अपने बयानों को लेकर मीडिया में चर्चा में रहे हैं। कुछ ही दिन पहले उन्होंने कहा था कि भारतीय सौंदर्य की प्रतीक एश्वर्या रॉय बच्चन हैं, ना कि डायना हेडन। इस बयान पर भी उनकी आलोचना हुई थी।

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