बीजेपी नेता के बेटे ने कहा- आपकी नफरत की राजनीति नरेंद्र मोदी को खुश कर सकती है, बंगालियों को नहीं
तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए मुकुल रॉय को अपने घर में ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय ने ही अपने पिता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। टीएमसी से 2 बार विधायक चुने गए शुभ्रांशु ने बंगाल में नफरत की राजनीति करने के लिए अपने पिता को ही आड़े हाथों ले लिया। शुभ्रांशु ने पंचायत चुनाव के लिए प्रचार करते समय पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘बंगाल के लोग कभी भी इस तरह की (नफरत की) राजनीति को समर्थन नहीं देंगे। बंगाल दीदी (ममता बनर्जी) के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। इन पंचायत चुनावों में लोग बड़ी संख्या में टीएमसी के लिए वोट करेंगे।’
अपने पिता और पश्चिम बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पर हमलावर होते हुए शुभ्रांशु ने कहा कि ‘मुकुल बाबू राज्य के युवाओं को स्मार्ट फोन का वादा कर रहे हैं, वहीं भाजपा नेता दिलीप बाबू कब्रिस्तान की बातें करके लोगों को डरा रहे हैं। बंगाल के लोग इस तरह की विचारधारा की राजनीति को पसंद नहीं करते हैं। इस तरह के बयान पीएम मोदी को पसंद आते होंगे, लेकिन बंगाल के लोगों को यह बिल्कुल पसंद नहीं हैं। यहां के लोग सिर्फ विकास के बारे में जानते हैं और विकास केवल ममता बनर्जी के नेतृत्व में ही हो सकता है।’
बता दें कि रविवार को भाजपा नेता मुकुल रॉय ने ऐलान किया था कि जो लोग जलपाईगुड़ी में पहली बार वोट देने जा रहे हैं, उन्हें आगामी पंचायत चुनावों में बीजेपी की जीत पर एक-एक स्मार्टफोन दिया जाएगा। मुकुल रॉय इससे पहले टीएमसी में थे और ममता बनर्जी के काफी करीबी माने जाते थे। लेकिन ममत बनर्जी के साथ मतभेद होने पर मुकुल रॉय ने बीते नवंबर में भाजपा का दामन थाम लिया था। हालांकि मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय ने टीएमसी के साथ रहने का ही निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में 14 मई को पंचायत चुनाव होने हैं, जिसके लिए चुनाव प्रचार जोरो-शोरों पर है। भाजपा और टीएमसी के लिए यह पंचायत चुनाव बेहद अहम है, यही वजह है कि दोनों पार्टियों ने इन चुनावों में पूरी ताकत झोंक दी है।