औरंगाबाद में दो समुदायों के बीच विवाद ने लिया साप्रदायिक रंग. दर्जनों गाड़ियों को फूंका, दो की मौत
महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के कई हिस्सों में शुक्रवार (11 मई, 2018) की रात छोटे से विवाद के चलते दो समुदायों के बीच झगड़ा हो गया। जिसके बाद विवाद ने साप्रदायिक रंग ले लिया। सैकड़ों की तादाद में युवा सड़कों पर आ गए और उन्होंने जमकर पत्थरबाजी की। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान एक नाबालिग को गोली लग गई जिसे देर रात एमजीएम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। स्थानीय खबरों के हवाले से पता चला है कि नाबालिग को बचाया नहीं जा सका। हिंसा में कुल दो लोगों की मौत हो गई है। एसीपी गोवर्धन कोलेकर सहित कम से कम 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हिंसा में पुलिस स्टेशन के चीफ हेमंत कदम और इंस्पेक्टर श्रीपद परोपकारी भी घायल हुए हैं। बताया जाता है कि बाद में सांप्रदायिक हिंसा शहर के गांधीनगर, राजाबाजार और शाहगंज इलाकों में भी फैल गई।
मामले में पुलिस का कहना है कि बीती रात से ही दो समुदाय के बीच झड़पे जारी हैं। झड़प में पुलिकर्मियों के अलावा कम से कम 25 लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। हिंसा पर काबू पाने के लिए औरंगाबाद के पुराने हिस्से में बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है और धारा 144 लागू कर दी गई है। मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि विवाद क्यों हुआ इसकी जानकारी साफ तौर पर सामने नहीं आई है। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की पाइप लाइन काटने के कथित भेदभाव के चलते यह झगड़ा शुरू हुआ था।
वहीं व्यावसायिक वर्चस्व की बात भी सामने आ रही है। फिलहाल शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है और तनाव जैसी स्थिति बनी हुई है। कुछ मीडिया चैनलों का कहना है कि हिंसा में चालीस से पचास दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया। बता दें कि इतिहास रूप से भी औरंगाबाद विवादित रहा है। हालांकि पिछले पांच सालों से यहां कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ था। इलाके में धारा 144 लगा दी गई है।
Police deployed in #Maharashtra‘s Aurangabad after clash between two groups last night. Section 144 (prohibits assembly of more than 4 people in an area) has been imposed in the city. pic.twitter.com/JPwd1evPxU
— ANI (@ANI) May 12, 2018