देखिए कैसे आतंकियों को भागने में मदद करते हैं स्थानीय लोग, वीडियो में देखें सेना की मुश्किलें

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के सफाए के लिए सेना लगातार आॅपरेशन क्लीन स्वीप चला रही है। आतंकवादियों को उनके ठिकानों से निकालकर मारा जा रहा है। लेकिन देश की सीमाओं की हिफाजत में जुटी सेना को इस दौरान कश्मीर के स्थानीय नागरिकों का विरोध भी झेलना पड़ता है। कई बार आतंकवादियों को बचाने के लिए स्थानीय नागरिक सेना और सुरक्षाबलों पर पथराव भी करते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो से कश्मीर में सेना की मुश्किलों को समझने में मदद मिलेगी। नए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सेना की कार्रवाई से बचकर भागने में कैसे स्थानीय नागरिक हथियारबंद आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं। ऐसा अनुमान है कि  येे वीडियो किसी स्‍थानीय नागरिक ने ही शूट करके यू ट्यूब पर अपलोड किया होगा। ये वीडियो पुलवामा जिले का बताया गया है।

सेना से आतंकवादियों की सीधी मुठभेड़ के दौरान ये पत्‍थरबाज, आतंकवादियों की ढाल बन रहे हैं। सेना के मोर्चा लेने की जगह पर ये पत्‍थरबाज एकजुट होकर पथराव करते हैं। नतीजतन सेना काेे इन आतंकवादियों के साथ ही स्‍थानीय नागरिकों से भी जूझना पड़ता है। हाल ही में ऐसी ही एक मुठभेड़ केे दौरान पथराव करने वालेे दो लोगों की मौत हो गई थी।

गोलियों से ज्‍यादा पथराव से घायल हुुुए: सेना के आंकड़े के मुताबिक अब तक करीब 132 मुठभेड़ों में स्थानीय नागरिकों ने सेना पर पथराव किया है। इन मुठभेड़ों में स्थानीय नागरिकों की मदद से करीब 85 आतंकवादी भागने में कामयाब रहे। ऐसा सिर्फ इस वजह से संभव हो सका, क्योंकि सेना ने पथराव झेलने के बावजूद भी नागरिकों पर गोलियां नहीं चलाईं। जबकि इन घटनाओं में आतंकवादियों की गोली से ज्यादा सैनिक पत्थर लगने से घायल हुए थे।

Pulwama: Terrorists escape with the help of locals !

Locals help militants escape in South Kashmir's Pulwama. #UserGeneratedContent

Posted by India Today on Sunday, May 13, 2018

हालातों से खुश हैं अलगाववादी: कश्मीर के इन हालातों से सबसे ज्यादा खुश अलगाववादी हैं। इस तरह के प्रदर्शन और आतंकवादियों की मदद 1990 के दौर में बेहद आम​ थी। हालांकि अब स्थानीय प्रशासन सेना की मदद के लिए तत्काल मुठभेड़ स्थल पर धारा 144 लागू कर देता है, जबकि 3 किमी के दायरे में तुरंत कर्फ्यू लगा दिया जाता है। लेकिन ये तरीका पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हो पा रहा है। आतंकवादियों की जनाजे में जुटने वाली भीड़ सुरक्षाबलों की चिंता का कारण बन रही है।

कभी नहीं मिलेगी आजादी: हालांकि इंडियन एक्सप्रेस को दिए अपने इंटरव्यू में थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने साफ कहा था कि आतंक के खिलाफ सेना की कार्रवाई जारी रहेगी। सेना से ऐसे लोग कभी नहीं जीत सकते। कश्मीर में युवाओं के आतंक की तरफ झुकाव पर उन्होंने कहा,’कुछ लोग युवाओं को आजादी के नाम पर भ्रमित कर रहे हैं। जो लोग आजादी की मांग रहे हैं उनके खिलाफ हम हमेशा संघर्ष करते रहेंगे। जो लोग आजादी चाहते हैं वह अच्छी तरह से जान लें कि ऐसा नहीं होने वाला। कभी भी नहीं।’ कश्मीर में मारे गए आतंकियों के बारे में जनरल रावत ने कहा कि मैं इन आंकड़ों पर कभी ध्यान नहीं देता हूं।

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