केंद्र सरकार के कैबिनेट में बड़ा फेरबदल, स्मृति ईरानी से छिना सूचना व प्रसारण मंत्रालय
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अरुण जेटली के स्वास्थ्य कारणों से उनके स्वस्थ होने तक वित्त मंत्रालय पीयूष गोयल को सौंप दिया गया है। फिलहाल पीयूष गोयल के पास रेल मंत्रालय के साथ ही वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी आ गई है। इसके साथ ही स्मृति ईरानी से सूचना प्रसारण मंत्रालय वापस ले लिया गया है। सूचना प्रसारण मंत्रालय में ही राज्यमंत्री के रूप में काम देख रहे राज्यवर्धन सिंह राठौर ही अब पूरी तरह से I&B मंत्रालय देखेंगे। स्मृति ईरानी के पास अब सिर्फ कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी ही रहेगी। बता दें कि स्मृति ईरानी से इससे पहले भी एचआरडी मंत्रालय छीना गया था। वहीं एसएस अहलुवालिया से पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री प्रभार वापस लेकर उन्हें सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री बनाया गया है। के अल्फोंस से सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री का दर्जा वापस ले लिया गया है।
Piyush Goyal given additional charge of Finance Ministry till Arun Jaitley recovers, Rajyavardhan Rathore new Information & Broadcasting Minister. pic.twitter.com/Rv1HH7cJiN
— ANI (@ANI) May 14, 2018
SS Ahluwalia assigned the portfolio of MoS in Ministry of Electronics & Information Technology, relieved of his charges of MoS in Ministry of Drinking Water & Sanitation. Alphons Kannanthanam relieved of charge of MoS in Ministry of Electrionics and Information Technology. pic.twitter.com/PqI5ovpemw
— ANI (@ANI) May 14, 2018
वित्त मंत्रालय की बात करें तो अरुण जेटली इस समय अस्वस्थ चल रहे हैं। सोमवार को ही दिल्ली के एम्स में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। अब अरुण जेटली के पूरी तरह से स्वस्थ होने तक पीयूष गोयल के पास वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी रहेगी।
अल्फोंस कन्नथनम से इलेक्ट्रॉनिक और आईटी राज्य मंत्री का प्रभार ले लिया गया है। वह पर्यटन राज्य मंत्री बने रहेंगे। पिछले साल जुलाई में एम वेंकैया नायडू ने राजग की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ईरानी को मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था। स्मृति ईरानी हाल में फेक न्यूज के संबंध में एक अधिसूचना सहित विभिन्न विवादों में घिर गयी थीं।
मीडिया के विभिन्न हिस्से में इस आदेश की आलोचना हुई थी और इसे प्रेस की आजादी खत्म करने का प्रयास बताया गया था। बाद में प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर आदेश को वापस ले लिया गया था। बता दें कि 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएमओ से सभी मंत्रियों के कामकाज को स्कैन किया जा रहा है। इस फेरबदल को इसी स्कैनिंग का परिणाम बताया जा रहा है।