कर्नाटक चुनाव परिणाम 2018: कर्नाटक बना राहुल की राह का रोड़ा, टूट सकता है पीएम बनने का सपना
कर्नाटक चुनाव परिणामों ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में अभी भी पीएम नरेंद्र मोदी का जादू बरकरार है, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को अभी लंबा सफर तय करना है। देश के दक्षिणी गढ़ कर्नाटक भी अब कांग्रेस की झोली से निकल चुका है। अब पंजाब, पुडुच्चेरी और मिजोरम में ही कांग्रेस की सरकार बची है जबकि बीजेपी की 21 राज्यों में सरकार होने जा रही है। कर्नाटक के चुनाव नतीजों ने देश की राजनीति की नई दिशा तय कर दी है। इसके मुताबिक साल 2019 का चुनाव शायद ही राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष लड़े। यानी 2019 में पीएम बनने का राहुल गांधी का सपना अब शायद ही कारगर हो क्योंकि एक तरफ पीएम मोदी का जादू है तो दूसरी तरफ गैर कांग्रेसी, गैर बीजेपी गठबंधन की वकालत करने वाली विपक्षी पार्टियां हैं। यानी 2019 की लड़ाई बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए बनाम थर्ड फ्रंट हो सकती है।
बता दें कि कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने एक चुनावी जनसभा में पूछा था कि वह क्यों नहीं देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। उन्होंने कहा था कि 2019 में कांग्रेस अगर सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो वह पीएम बन सकते हैं। पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा था कि 2019 में न तो बीजेपी सरकार बनाएगी और न ही नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि आपलोग मेरी बात पर हसेंगे लेकिन 2019 में बीजेपी सरकार नहीं बनाएगी। आज विपक्ष एक है, यही कारण है कि बीजेपी के लिए 2019 में मुश्किल होगी।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर कांग्रेस कर्नाटक चुनाव जीत जाती तब तमाम विपक्षी क्षेत्रीय दल यूपीए के बैनर तले आ सकते थे लेकिन कर्नाटक हारते ही कांग्रेस दबाव में आ जाएगी। 2019 के लिए उसे अन्य क्षेत्रीय क्षत्रपों के सहारे मैदान में कूदना होगा। यूपी में सपा-बसपा गठबंधन हावी रहेगा तो बिहार में राजद का प्रभाव हावी रहेगा। झारखंड में कांग्रेस को जेएमएम के साथ दोस्ती करनी होगी। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ तालमेल करना होगा। इसके अलावा तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा को भी साधना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर होगी। कर्नाटक में ही 2019 के चुनावों में जेडीएस से कांग्रेस को दोस्ती करनी पड़ेगी। अगर इन राज्यों में कांग्रेस क्षेत्रीय दलों से तालमेल कर चुनाव लड़ती है तो हो सकता है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार न बने, पर यह भी संभव है कि ऐसे गठबंधन की सूरत में राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकेंगे।