कर्नाटक चुनाव परिणाम 2018: आपातकाल के बाद जहां बची थी इंदिरा की साख, कांग्रेस ने वह सीट भी गंवाई

कर्नाटक में तकरीबन तीन दशकों से कोई भी पार्टी लगातार दो कार्यकाल के लिए सत्‍ता में नहीं आई है। ऐसे में कांग्रेस के हाथ से राज्‍य की सत्‍ता जाना अप्रत्‍याशित नहीं है। लेकिन, इस बार के विधानसभा चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के बीच सीधी टक्‍कर करार दिया गया था। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के लिए यह चुनाव प्रतिष्‍ठा का विषय बन गया था। खासकर चिकमंगलूर जिला दोनों दलों के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण हो गया था। आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी राय बरेली से चुनाव हार गई थीं। ऐसे में कांग्रेस की खोई प्रतिष्‍ठा को वापस लाने और इंदिरा को लोकसभा भेजने के लिए सुरक्षित क्षेत्र की तलाश की जाने लगी थी। काफी सोच-विचार के बाद कॉफी की पैदावार के लिए मशहूर चिकमंगलूर का चयन किया गया था।

इंदिरा वर्ष 1978 में यहां से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंची थीं। इसके साथ ही कांग्रेस का भी पुनरुत्‍थान हुआ था। नरेंद्र मोदी के उदय के बाद कांग्रेस एक बार फिर से संकट में है। वर्ष 2014 के बाद से पार्टी एक के बाद एक लगातार चुनाव हार रही है। ऐसे में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भी चिकमंगलूर का दौरा कर चुनावी रैली को संबोधित किया। उन्‍होंने वहां की जनता को अपनी दादी इंदिरा गांधी की याद दिलाते हुए वोट मांगा था। इसके बावजूद जनता ने कांग्रेस को अपना ‘आशीर्वाद’ नहीं दिया। भाजपा वर्ष 2004 से ही चिकमंगलूर विधानसभा सीट जीतती आ रही है।

चुनाव प्रचार में राहुल ने किया था दादी को याद: कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने मार्च में चिकमंगूलर का चुनावी दौरा किया था। उन्‍होंने जनसभा को संबोधित करने के साथ स्‍थानीय मंदिर में भी गए थे। राहुल ने कहा था, ‘आपलोगों ने मेरी दादी का उस वक्‍त समर्थन‍ किया था, जब उन्‍हें इसकी सबसे ज्‍यादा जरूरत थी। मैं इसे कभी नहीं भूल सकता हूं। आपलोगों को जब भी मेरी जरूरत होगी, मैं हमेशा आपके लिए उपलब्‍ध रहूंगा।’ इस रैली में कांग्रेस प्रमुख ने कहा था क‍ि पीएम मोदी के दिल में देश की जनता के लिए तनिक भी सम्‍मान नहीं है और वह वर्ष 2019 का चुनाव हारेंगे। हालांकि, राहुल का यह प्रयास विफल रहा और चिकमंगलूर सीट पर भाजपा ने एक बार फिर से कब्‍जा कर लिया। इसके साथ ही सिद्धारमैया के नेतृत्‍व में चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस भाजपा से पिछड़ गई।

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