सेव दि चिल्ड्रेन के एक सर्वे के अनुसार भारत में तीन में से एक किशोरी यौन उत्पीड़न को लेकर चिंतित
एक नए अध्ययन के अनुसार भारत में हर तीन में से एक किशोरी सार्वजनिक स्थानों पर यौन उत्पीड़न को लेकर चिंतित रहती है जबकि पांच में से एक किशोरी बलात्कार सहित अन्य शारीरिक हमलों को लेकर डर के साए में जीती है। यह सर्वेक्षण गैर सरकारी संगठन ‘‘सेव दि चिल्ड्रेन’’ द्वारा कराया गया है। ये आंकड़े ‘‘विंग्स 2018: वर्ल्ड आॅफ इंडियाज गर्ल्स’’ नामक सर्वेक्षण में जुटाए गए हैं और यह सार्वजनिक स्थानों पर लड़कियों की सुरक्षा को लेकर धारणा पर आधारित है। रिपोर्ट के अनुसार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की दो तिहाई लड़कियों ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीड़न की स्थिति में अपनी मां पर भरोसा करेंगी।
पांच में से करीब दो लड़कियों ने कहा कि अगर उनके अभिभावकों को सार्वजनिक स्थल पर उत्पीड़न की किसी घटना का पता चलेगा तो वे उनके घर से बाहर निकलने पर रोक टोक करेंगे। इस अध्ययन में करीब 4000 किशोर और किशोरियों तथा उनके 800 अभिभावकों को शामिल किया गया। यह सर्वेक्षण छह राज्यों के 30 शहरों और 84 गांवों में कराया गया। सर्वेक्षण में दिल्ली-एनसीआर, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, असम और मध्य प्रदेश को शामिल किया गया।
दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश के एटा जिले के अलीगंज क्षेत्र में शौच के लिए गई एक किशोरी को बंधक बनाकर उससे सामूहिक बलात्कार की वारदात सामने आई है। पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि अलीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 14/15 मई की रात को शौच के लिए गई 17 वर्षीय दलित लड़की को एक युवक ने हथियार दिखाकर अगवा किया और अपने दो साथियों के साथ मिलकर उससे दुष्कर्म किया। बाद में मुख्य आरोपी तथा उसके दो साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। आरोपियों की तलाश की जा रही है।