येदियुरप्पा बने सीएम, बहुमत साबित करने को लेकर रस्साकसी शुरू, राष्ट्रपति शासन की भी अटकलें
कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव हुआ था। इसके बाद 15 मई को हुई मतगणना में कांग्रेस, भाजपा और जेडीएस में से किसी को भी स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं हुआ। इस बीच, कांग्रेस ने अचानक से जेडीएस नेता कुमारास्वामी को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी। भाजपा और कांग्रेस-जेडीएस ने राज्यपाल वजूभाई वाला से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। हालांकि, राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया। इसके बाद कांग्रेस-जेडीएस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने बीएस. येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘आज संविधान पर हमला किया जा रहा है। कर्नाटक में एक तरफ विधायक खड़े हैं और दूसरी तरफ राज्यपाल। जेडीएस ने बताया कि उनके विधायकों को 100 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया।’ राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर रस्साकसी शुरू हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में सरकार न बना पाने की स्थिति में राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा सकता है। ‘द टेलीग्राफ’ के अनुसार, भाजपा नहीं चाहती है कि कांग्रेस-जेडीएस का गठजोड़ आकार ले, क्योंकि आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी को नए राजनीतिक समीकरण से बड़ा नुकसान हो सकता है। विधानसभा में बहुमत साबित करने के सवाल पर येदियुरप्पा ने एक-दो दिन तक इंतजार करने की बात कही है। वहीं, सीएम येदियुरप्पा ने पहले ही दिन किसानों का कर्जा माफ करने की घोषणा कर दी है।
इससे पहले, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं आने के बाद सरकार बनाने की लड़ाई देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच गई थी। कांग्रेस-जेडीएस ने राज्यपाल वजूभाई वाला के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। तीन जजों की पीठ ने आधी रात के बाद इस मामले पर सुनवाई की और भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस. येदियुरप्पा को बतौर मुख्यमंत्री शपथ लेने से रोकने से इनकार कर दिया। हालांकि, शीर्ष अदालत की पीठ ने भाजपा से विधायकों की सूची सौंपने को कहा है। कोर्ट अब इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शपथ ग्रहण को गुरुवार (17 मई) शाम चार बजे तक के लिए टालने का अनुरोध किया था।
इस बीच, वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी भी कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दायर याचिका में उन्होंने अविलंब सुनवाई की मांग की। कोर्ट ने उन्हें 18 मई को उचित पीठ के समक्ष याचिका दायर करने का निर्देश दिया।
येदियुरप्पा गुरुवार सुबह 9:00 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। राज्यपाल वजूभाई वाला ने भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया है। कर्नाटक में 222 विधानसभा सीटों के लिए मत डाले गए थे। भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई थी। वहीं, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें प्राप्त हुई थीं। त्रिशंकु विधानसभा के बाद सरकार बनाने की रस्साकसी शुरू हो गई थी। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार एचडी. कुमारास्वामी ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। दूसरी तरफ, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर भाजपा की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने बीजेपी पर संविधान का मखौल बनाने का आरोप लगाया है।