बांग्लादेश के रोहिंग्या कैंपों का हाल, हर दिन पैदा हो रहे 60 बच्चे
बांग्लादेश में रोहिंग्या शेल्टर कैंप का हाल दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। यहां हर दिन करीब 60 बच्चे पैदा हो रहे हैं। बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले के शरणार्थी कैंपों में रहने वाली बहुत की महिलाएं गर्भवती हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने अनुमान लगाया कि विस्थापितों में लगभग 40,000 गर्भवती महिलाएं हैं, जिनमें ज्यादातर ऐसी हैं जो कुछ हफ्तों में बच्चे को जन्म देने वाली हैं। इनमें उन महिलाओं की संख्या ज्यादा है, जिनके साथ म्यांमार सेना और संबद्ध विद्रोहियों ने दुष्कर्म किया था।
हालांकि UNICEF की ताजा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह बता पाना काफी मुश्किल है कि निश्चित तौर पर कितने बच्चों का जन्म शरणार्थी कैंपों में हुआ है और कितने बच्चों का जन्म होने वाला है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक बांग्लादेश में करीब 9,05,000 रोहिंग्या इस वक्त शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं। बांग्लादेश में यूनिसेफ के प्रतिनिधि एडौर्ड बेगबेडर का कहना है, ‘करीब 60 बच्चे प्रतिदिन जन्म ले रहे हैं। ये बच्चे अपने घरों से दूर, उन महिलाओं के गर्भ से जन्म ले रहे हैं जो विस्थापन, हिंसा और रेप जैसी घटनाओं का शिकार हुईं।’
गबेडर का कहना है, ‘यौन उत्पीड़न की वजह से कितने बच्चों का जन्म हुआ और कितनों का जन्म होने वाला है यह बता पाना मुश्किल है। यह बहुत मुश्किल है कि हर मां और हर नवजात बच्चे को समर्थन और जरूरी सहायता मिल सके।’ पिछले साल 25 अगस्त को रोहिंग्या कार्यकर्ताओं द्वारा म्यांमार के राखाइन प्रांत में सैन्य शिविरों पर हमला करने पर म्यांमार के सुरक्षा बलों तथा स्थानीय संगठनों ने कथित रूप से उनसे प्रतिशोध लिया था। इसके बाद ज्यादातर रोहिंग्या मुस्लिमों को भागकर बांग्लादेश जाना पड़ा था। इस दौरान यौन हिंसा के साथ-साथ हत्या और गांवों को जलाने की घटनाएं दर्ज हुई थीं।बांग्लादेश के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि अभी तक करीब 18300 गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई है जो शरणार्थी कैंप में रह रही हैं। इसके अलावा ऐसी महिलाओं की कुल संख्या 25 हजार हो सकती है।