पाकिस्तान सरकार ने 200 साल पुरानी कृष्ण मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए जारी किए दो करोड़ रुपये
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने रावलपिंडी में स्थित कृष्ण मंदिर के सौंदर्यीकरण एवं इसके विस्तार के लिए दो करोड़ रूपये की राशि जारी की है। यह जानकारी आज (20 मई को) मीडिया की एक रिपोर्ट में दी गयी है। रावलपिंडी और इस्लामाबाद शहरों में केवल कृष्ण मंदिर ही ऐसा एकमात्र मंदिर है जो श्रद्धालुओं के लिए खुला है। मंदिर में हर दिन सुबह और शाम दो बार आरती की जाती है जिसमें छह से सात लोग उपस्थित रहते हैं। डॉन समाचार पत्र ने इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) उप प्रशासक मोहम्मद आसिफ के हवाले से बताया है कि प्रांतीय एसेंबली के एक सदस्य के आग्रह पर सरकार ने दो करोड़ रूपये जारी किए हैं।
समाचार पत्र के अनुसार, आसिफ ने बताया कि मंदिर का सौंदर्यीकरण कार्य शीघ्र शुरू होगा। एक टीम ने स्थल का दौरा किया है और कार्य शुरू करने की योजना बताई। जहां पर प्रतिमाएं रखी गयी हैं, उस मुख्य कक्ष को सौंदर्यीकरण की समाप्ति तक बंद रखा जाएगा। आसिफ के हवाले से समाचार पत्र ने बताया है, ‘‘एक बार सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो जाएगा तो यहां और लोगों के एकत्र होने के लिए जगह हो जाएगी।’’ अधिकारी ने बताया कि मंदिर में जगह होने से आसपास के दोनों शहरों और नजदीकी इलाकों के श्रद्धालुओं को सुविधा हो जाएगी। बता दें कि कांजी मल और उजागर मल राचपाल ने 1897 में इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद साल 1949 में इस मंदिर को दोबारा खोला गया था। साल 1970 में इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) को सौंपे जाने से पहले इस मंदिरा का संचालन स्थानीय हिन्दुओं द्वारा ही किया जाता था और 1980 तक इस्लामाबाद में रहने वाले भारतीय दूतावास के कर्मी और अधिकारी यहां आकर पूजा किया करते थे। स्थानीय निवासी जग मोहन अरोड़ा के मुताबिक फिलहाल मंदिर परिसर में 100 लोग ही जमा हो सकते हैं लेकिन सौंदर्यीकरण के बाद यह क्षमता बढ़ जाएगी।