पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यालय के सामने एक महिला को जूतों की माला पहनाकर उठक-बैठक लगवाई

पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर के एक गांव में कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय के सामने एक महिला को जूतों की माला पहनाकर उससे उठक-बैठक लगवाई गई। शनिवार (19 मई) को इस घटना की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। पुलिस हलांकि इस घटना पर बयान देने से बच रही है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के मुताबिक दो वर्गों के बीच हुए झगड़े के परिणाम स्वरूप यह अमानवीय घटना घटी। तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कहा गया है इस घटना में पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता शामिल नहीं था। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक घटना मिदनापुर सदर के गांव बागडुबी की है, जो शुक्रवार (18 मई) को घटी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला का पति तृणमूल कांग्रेस का पूर्व पंचायत समिति सदस्य है। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि सोमवार को चुनाव के दौरान पीड़ित दंपति की टीएमसी कार्यकर्ताओं के साथ कथित तौर पर कहासुनी हो गई थी। शुक्रवार को महिला के पति को टीएमसी के कार्यालय पर बुलाया गया, जहां कथित तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा उसकी पिटाई की गई।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब महिला को पता चला कि उसका पति काफी देर से घर नहीं लौटा है तो वह भी पार्टी कार्यालय चली गई। एक स्थानीय शख्स ने द संडे एक्सप्रेस को बताया- ”महिला को तब मांफी मांगने और कान पकड़कर उठक-बैठक लगाने के लिए कहा गया। घटना को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कैमरे में कैद कर लिया।” विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी सौरीश मुखर्जी ने यह आरोप लगाते हुए तस्वीर को ट्वीट किया कि ग्रामीण चुनाव में टीएमसी को वोट न करने पर सजा के तौर महिला से उठक-बैठक लगवाई गई। सौरीश मुखर्जी ने ट्वीट में लिखा- ”एक गृहणी को जूतों का हार पहनकर गांव भर में घूमने पर मजबूर किया गया। उसे टीएमसी कार्यालय के साममे कान पकड़कर उठक-बैठक लगवाने के लिए भी मजबूर किया गया। उसका अपराध यह है, उसने टीएमसी के खिलाफ वोट करने की हिम्मत दिखाई।”

 

पश्चिम मिदनापुर के टीएमसी अध्यक्ष अजीत मैटी ने कहा कि यद्यपि तस्वीर फर्जी नहीं है, लेकिन इसका चुनाव से कुछ भी लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि घटना में कोई टीएमसी कार्यकर्ता शामिल नहीं था, इसका पंचायत चुनाव से संबंध नहीं है, पति-पत्नी का स्थानीय लोगों से कुछ विवाद चल रहा था, यह दो वर्गों के बीच विवाद की वजह से हो सकता है। उन्होंने कहा कि गुनहगारों का पता लगाया जा रहा है और टीएमसी कभी ऐसे कामों को बढ़ावा नहीं देती है।

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