दंगों के दिन नरोदा गाम में नहीं थीं माया कोडनानी, अदालत में अमित शाह की गवाही

2002 नरोदा गाम दंगों की आरोपी माया कोडनानी के पक्ष में गवाही देने के लिए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अहमदाबाद की एसआईटी कोर्ट में पेश हुए जहां पर उनकी गवाही जज के सामने दर्ज हो चुकी है। फिलहाल इस मामले में बीजेपी नेता माया कोडनानी जमानत पर रिहा हैं। उन्होंने अपनी एक याचिका में कोर्ट से अर्जी लगाई थी कि वे इस मामले में अमित शाह समेत उन 14 लोगों की गवाही दर्ज कराना चाहती हैं, जिनके साथ वे दंगों के समय किसी अन्य जगह पर मौजूद थीं। माया कोडनानी खुद को बेगुनाह बताती हैं इसलिए कोर्ट ने अमित शाह समेत अन्य लोगों की गवाही दर्ज करने के लिए समन जारी किया था।

खबरों के मुताबिक अमित शाह ने माया कोडनानी के पक्ष में गवाही देते हुए वे सभी बातें कहीं है जो कि माया ने अपने बयान में कहीं थी। वहीं अमित शाह ने कोर्ट में कहा कि माया मेरे साथ विधानसभा में मौजूद थीं और बाद में वे मुझे सोला सिविल अस्पताल में भी मिली थीं, जहां पर घायलों को देखने के लिए पहुंचे थे। माया के साथ मेरी मुलाकात उस समय हुई थी जब मैं अस्पताल से निकल रहा था। मैं रुकना चाहता था लेकिन नारेबाजी की वजह से पुलिस ने मुझे बाहर भेज दिया था। कोडनानी को भी पुलिस अपनी सुरक्षा में लेकर आई थी।

बता दें कि कोडनानी द्वारा मार्च में कोर्ट में आवेदन जमा कराकर कहा गया था कि दंगों में उनका कोई हाथ नहीं है। कोडनानी का कहना था कि उनकी मुलाकात अमित शाह से विधानसभा और सोला सिविल अस्पताल में हुई थी और इन्हीं के साथ मेरी कई अन्य लोगों से भी मुलाकात हुई थी जिनका बयान इस मामले में दर्ज करना जरूरी है। गौरतलब है कि 2002 में नरोदा गाम इलाके में हुए दंगों में 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी और इसमें 33 लोग घायल हो गए थे। कोडनानी पर आरोप लगे है कि इस दौरान उन्होंने हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया था, जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया था।

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