मुलायम सिंह के बाद मायावती का पैंतरा, सरकारी बंगला बचाने लिया कांशीराम का सहारा
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने अपना नया आशियाना ढूंढ़ लिया है। वो जल्द ही पास के 9 ए मॉल एवेन्यू में शिफ्ट होंगी। यह निजी मकान है लेकिन उन्होंने लखनऊ स्थित सरकारी बंगला 13 ए मॉल एवेन्यू को भी नहीं छोड़ने का फैसला किया है। यानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मायावती इस सरकारी बंगले को तो छोड़ देंगी लेकिन उस पर कब्जा बनाए रखेंगी। मायावती ने उस बंगले पर “श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल” का बोर्ड लगवा दिया है। इसे मायावती का सरकारी बंगला को कब्जाए रखने का पैंतरा माना जा रहा है। बता दें कि यूपी एस्टेट डिपार्टमेंट की नोटिस के मुताबिक इस महीने के अंत तक सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करना है।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी अपना बंगला बचाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और बंगला बचाने का फार्मूला दिया था लेकिन मीडिया में वह फार्मूला लीक हो गया था। इससे खफा सीएम योगी ने दो अधिकारियों को हटा दिया था। अब मायावती ने कांशीराम का सहारा लेकर अपने बंगले को बचाने की कवायद शुरू की है। माना जा रहा है कि बंगला कांशीराम से जुड़ने की वजह से सरकार भी फूंक-फूंककर कदम उठाएगी। पहले इस बंगले में पीडब्ल्यूडी विभाग के लिए कैम्प ऑफिस बनाने की बात चल रही थी लेकिन अब मामला लटक सकता है। हालांकि, कांशीराम के नाम से लगा बोर्ड नया है लेकिन इस नाम से अगर कोई पुरानी लीज इस पते पर हुई होगी तो मामले पेंचीदा हो सकता है।
उधर, 9 ए मॉल एवेन्यू में बहुत तेजी से निर्माण कार्य कराया जा रहा है। वहां टाइल्स लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में मायावती वहां अपने सामान के साथ शिफ्ट हो जाएंगी। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी विपुल खंड में शिफ्ट हो रहे हैं, जबकि कल्याण सिंह अपने मंत्री पोते संदीप सिंह के सरकारी आवास में शिफ्ट हो रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को लेकर अभी भी सस्पेंस कायम है। हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि ये दोनों नेता गोमती नगर या हजरतगंज में शिफ्ट होंगे। वहां इनके लिए बंगले की तलाश जारी है।