आर्क बिशप को केंद्रीय मंत्री का जवाब- मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा जिससे माहौल बिगड़े, पर…
दिल्ली के आर्क बिशप द्वारा 2019 में नई सरकार के लिए दुआ करने का आह्वान करते हुए पादरियों को पत्र लिखा गया, जिसके बाद से अब इस मामले को लेकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा होता दिख रहा है। आर्क बिशप के इस कदम का केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ओर से कड़ा विरोध किया गया है। गिरिराज सिंह का कहना है कि वह ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएंगे जिससे सांप्रदायिक सौहार्द्र भंग हो जाए, लेकिन अगर आर्क बिशप प्रार्थना करेगा तो बाकी धर्म के लोग उसके विरोध में कीर्तन करेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। मैं ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाऊंगा जिससे सांप्रदायिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचे, लेकिन अगर चर्च ने लोगों से मोदी सरकार न बने इसके लिए प्रार्थना करने को कहा है तो देश को ये सोचना होगा कि बाकी धर्म के लोग पूजन-कीर्तन कर सकते हैं।’
वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं बर्दाश्त किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल मैंने वह पत्र नहीं देखा है, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि भारत एक ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यक सुरक्षिच हैं और किसी को भी जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करने दिया जा सकता।
Every action has a reaction. I won’t take a step that disrupts communal harmony. But if church asks people to pray so that Modi govt isn’t formed, country will have to think that people from other religions will do ‘kirtan pooja’: Giriraj Singh on Archbishop’s letter to priests pic.twitter.com/lyJw9cFdvp
— ANI (@ANI) May 22, 2018
बता दें कि दिल्ली के आर्क बिशप (कैथोलिक) ने भारत की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को ‘अशांत’ करार देते हुए देश के पादरियों को लिए पत्र लिखा है, जिसमें ईसाई समुदाय से साल 2019 में नई सरकार के लिए दुआ करने का आह्वान किया गया है। ‘वेटिकन न्यूज’ ने ‘यूसीए न्यूज’ के हवाले से बताया कि आर्क बिशप अनिल काउटो ने कैथोलिक ईसाइयों से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए प्रार्थना के साथ हर शुक्रवार को उपवास करने की भी अपील की है, ताकि देश में शांति, लोकतंत्र, समानता, स्वतंत्रता और भाईचारा बरकरार रहे। उन्होंने पत्र में लिखा कि देश 2019 की तरफ बढ़ रहा है, जब नई सरकार मिलने वाली है। ऐसे में 13 मई से देश के लिए प्रार्थना अभियान शुरू करना चाहिए।