पांच साल में सबसे महंगा हुआ पेट्रोल, पर कई देशों में भारत से ज्‍यादा बढ़े हैं दाम

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में उछाल का असर भारत में भी देखा जा रहा है। घरेलू बाजार में पेट्रोल की कीमत पिछले पांच साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है। ऐसे में इसका बोझ आमलोगों को ही उठाना पड़ रहा है। देश में 22 मई को लगातार नौवें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 76.87 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। इसके बावजूद यदि पिछले एक सप्ताह या पिछले तीन महीने के आंकड़े को देखें तो भारत में कई विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले पेट्रोल की कीमत में वृद्धि दर कम रही है। पिछले एक सप्ताह में देश में पेट्रोल की कीमतों में 2.5 फीसद की वृद्धि हुई है। वहीं, मॉरिशस में इस अवधि के दौरान पेट्रोल की कीमतों में 9.9 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। मॉरिशस में पेट्रोल 52 रुपये (मॉरिशस रुपये) में बिक रहा है। बता दें कि मॉरिशस की मुद्रा का मूल्य भारतीय रुपये से ज्यादा है। इसके अलावा कंबोडिया में पिछले एक सप्ताह में पेट्रोल की कीमतों में 4.2 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। यूरोपीय देश फिनलैंड में भी भारत के मुकाबले पेट्रोल की कीमत ज्यादा बढ़ी है। यूरोपीय संघ के इस देश में पिछले सात दिनों में 3.4 फीसद का उछाल आया है। थाईलैंड में यह दर 3 फीसद रही है। वहीं, कैरिबियाई देश ग्रेनाडा में पिछले एक सप्ताह में पेट्रोल की कीमत 7 प्रतिशत तक बढ़ी है।

पेट्रोल की तिमाही कीमतों में भी जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। भारत में इस अवधि में पेट्रोल की कीमतों में 5.2 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन, पड़ोसी देश श्रीलंका में पिछले 90 दिनों में पेट्रोलियम उत्पादों में 15.6 फीसद तक की वृद्धि दर्ज की गई। इससे स्थानीय लोगों पर वित्तीय बोझ बढ़ा है। इससे उत्तर अमेरिकी और यूरोपीय देश भी अछूते नहीं रहे। कनाडा में जहां पेट्रोल की कीमतों में 12.1 फीसद की तिमाही वृद्धि दर्ज की गई, वहीं अमेरिका में यह दर 11.6 प्रतिशत तक रही। यूरोपी देश स्वीडन में इस अवधि के दौरान पेट्रोल की कीमतों में 11 फीसद तक कि वृद्धि हुई, जबकि डेनमार्क में यह दर 9.8 और तुर्की में 10.8 फीसद तक रही। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले पांच साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। अमेरिका के ईरान परमाणु समझौते से हटने और बड़े तेल उत्पादक देशों में से एक वेनेजुएला की खस्ताहाल घरेलू स्थिति से तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्रमुख तेल उत्पादक देश सऊदी अरब ने उत्पादन बढ़ाने की बात कही है।

 

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