तस्लीमा नसरीन ने लिया बड़ा फैसला- मौत के बाद कब्र में नहीं, एम्स में जाएगी देह
मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहती हैं। अब एक बार फिर तस्लीमा नसरीन चर्चाओं में हैं। दरअसल तस्लीमा नसरीन ने बड़ा फैसला लेते हुए अपनी मौत के बाद शरीर को दफनाने के बजाए, एम्स में मेडिकल रिसर्च के लिए दान देने का फैसला किया है। मंगलवार को ट्वीट कर तस्लीमा नसरीन ने यह जानकारी दी। अपने इस ट्वीट के साथ तस्लीमा ने एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ एनॉटमी की डॉनर कार्ड स्लिप की तस्वीर भी साझा की है। वहीं तस्लीमा नसरीन के इस ट्वीट पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी है और इस नेक काम के लिए तसलीमा नसरीन की खूब तारीफ की है।
बता दें कि तस्लीमा नसरीन फेमिनिज्म और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के मुद्दे पर काफी मुखर रही हैं, जिस कारण वह कट्टरपंथियों के निशाने पर भी रहती हैं। साल 1962 में बांग्लादेश में जन्मी तस्लीमा नसरीन पेशे से एक फिजीशियन हैं और स्वीडन की नागरिकता भी रखती हैं। अपने उपन्यास लज्जा में इस्लाम पर की गई टिप्पणियों से तस्लीमा नसरीन ने कट्टरपंथी मुस्लिमों को नाराज कर दिया था। जिसके बाद कट्टरपंथी मुस्लिमों ने तस्लीमा नसरीन की मौत पर इनाम का ऐलान कर दिया। जिसके बाद तस्लीमा नसरीन साल 1994 में बांग्लादेश छोड़कर स्वीडन में बस गईं थी। साल 2005 में तस्लीमा भारत आयी और तब से यहीं पर निर्वासित जिंदगी जी रही हैं।
I have donated my body after death to AIIMS for scientific research and teaching purpose. pic.twitter.com/jq1KNLZCZQ
— taslima nasreen (@taslimanasreen) 22 May 2018
Hearty congrats on a noble and courageous decision.
— Priya Kannan (@Priyakannan_pk) 22 May 2018
So courageous and mind shattering move.
Many congratulations to you for this paradigm shift in thought process of a common man.— Nation First (@AlokBalodi) 22 May 2018
अभी कुछ साल पहले ही तस्लीमा नसरीन उस वक्त फिर चर्चा में आयी थी, जब ढाका में कुछ आतंकियों ने एक रेस्त्रां पर हमला करके 20 लोगों की हत्या कर दी थी। तस्लीमा नसरीन ने तब ट्वीट कर कहा था कि ‘इस्लाम को शांति का धर्म कहना बंद कीजिए।’ एक अन्य ट्वीट में तस्लीमा ने कहा था कि ‘आपको इस्लामिक आतंकवादी बनने के लिए गरीबी, अज्ञानता, अमेरिका की विदेश नीति या इजरायल की साजिश नहीं चाहिए, बस आपको इस्लाम चाहिए।’ यूं तो तस्लीमा भी एक मुस्लिम हैं, लेकिन अब वह खुद को नास्तिक मानती हैं। देश में विभिन्न मुद्दों पर तस्लीमा नसरीन खुलकर अपनी राय रखने के लिए जानी जाती हैं।