पकड़े गए आंतकी का दावा, लश्कर ने बना लिया है ऐसा फोन जिसे ट्रेस नहीं कर सकते
आतंकी हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तयैबा (LeT) की छात्र इकाई अल-मुहम्मदिया-स्टूडेंट (AMS) ने एक ऐसा मोबाइल फोन विकसित किया है जो खासतौर पर लश्कर के आतंकियों के बीच होने वाली खुफिया बातचीत की लिए बनाया गया है। मोबाइल में एक खास तरह की चिप लगाने के बाद यह नजदीकी मोबाइल टॉवर से अपने आप कनेक्ट हो जाता है। साथ ही इस मोबाइल फोन से होने वाली बातचीत को इंटेलीजेंस एजेंसी द्वारा ट्रेस भी नहीं किया जा सकता है। डिवाइस की खास बात यह है कि अगर सभी खुफिया एजेंसी भी इसे ट्रैक करने की कोशिश करें तो कॉल अपने आप समाप्त हो जाएगी। यही सभी खुफिया जानकारी मुल्तान मूल के लश्कर के बीस वर्षीय आंतकी जैबुल्लाह उर्फ हमजा ने दी हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उससे पूछताछ कर रही है। सुरक्षा दस्ते ने जैबुल्लाह को पिछले महीने सात अप्रैल के कुपवाड़ा के जुगियाल में एक घर से दबोचा था।
पाकिस्तानी आयकर विभाग में एक अधिकारी के बेटे जैबुल्लाह ने दावा किया लश्कर वैश्विक आतंकी संगठन है। साल 2017 में दुनियाभर के अलग-अलग क्षेत्रों से संगठन में 450 युवकों को भर्ती किया गया और उन्हें भारत विरोधी अभियान के लिए प्रशिक्षण दिया गया। लश्कर ने जिन युवकों को संगठन में शामिल किया उन्हें हथियार चलाने का कठिन प्रशिक्षण दिया गया है। संगठन में बुरहान वानी के नाम पर 15 साल से 25 साल की उम्र के युवाओं की भर्ती की जा रही है।
गौरतलब है कि जैबुल्लाह 2/3 मार्च को अन्य पांच आतंकी सहित भारत में दाखिल हुआ था। उसके साथियों को 20 मार्च को भारतीय सेना ने एक मुठभेड़ में मारा गिराया था जबकि वह बच निकला था। हालांकि मुठभेड़ में उसके हाथ में एक गोली भी लगी, लेकिन तब उसे मारा नहीं जा सका। बाद में सेना ने उसे 15 दिन बाद पकड़ लिया। जैबुल्लाह जनवरी 2017 में जब दक्खन में ट्रेनिंग ले रहा था तब 26/11 आतंकी हमले में लश्कर का ऑपरेशनल कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी भी करीब दो महीना उसी के साथ ठहरा था।
जैबुल्लाह ने पूछताछ में आगे बताया कि लखवी ने ही उसे जिहाद के लिए प्रेरित किया। मुजफ्फराबाद में आतंकियों के अन्य ट्रेनिंग कैंप में लश्कर का सरगना हाफिज सईद खुद पहुंचा था। कड़ी पूछताछ में जैबुल्लाह ने आगे बताया कि कथित तौर पर उसके पिता ने ही उसे जिहाद के लिए प्रेरित किया। उसके पिता हर महीना ‘जिहाद फंड’ में एक हजार रुपए देते हैं।