VIDEO: ‘कहते हैं जान से मार देंगे, पापा को जेल में डालेंगे, अधिकारी की गाड़ी रोक प्रोटेस्ट, नहीं रुकी तो बोनट पर चढ़ी युवती
मध्य प्रदेश के सीहोर में एक युवती ने सरकारी अधिकारी की गाड़ी रोकने की कोशिश की। गाड़ी के पहिए नहीं थमे तो युवती बोनट पर चढ़ गई। युवती के साथ उसकी बहनें भी मौके पर मौजूद थीं, उनमें एक गाड़ी की छत पर सवार हो गई। युवती का आरोप है कि सरकारी अमला गांव के दबंग की मदद कर रहा है जो कि उसकी जमीन कब्जाने की फिराक में है। युवती ने मीडिया को बताया कि गांव में उसकी साढ़े 6 एकड़ जमीन है, जिसमें से साढ़े 3 एकड़ पर मंगला राय नाम के दबंग की बुरी नजर है। परिवार में आठ बहनें, भाई एक भी नहीं है और परिवार गरीब है, इस पर सरकारी अधिकारी दबंग की मदद कर रहे हैं। युवती ने मीडिया के कैमरे में बताया- ”हमारी साढ़े 6 एकड़ जमीन है उसमें से मंगला राय साढ़े 3 एकड़ जमीन छुड़ा रहा है, एडीएम द्वारा छुड़ाई जा रही है, अगर हम वो जमीन नहीं छोड़ रहे हैं, तो एडीएम सर पापा को जेल भेज रहे हैं। वो बोल रहे हैं जान से मार देंगे अगर जमीन नहीं छोड़ी तो… और ये बोल रहे हैं कि अगर तुम नहीं छोड़ रहे हो जमीन तो पापा को जेल भेज रहे हैं, जेल में रहने दो, कुआं छोड़ दोगे तो हम तुम्हें, पापा को छोड़ देंगे। मंगला राय भी बार-बार गुंडे लेकर जाता है, हमें बार-बार धमकाता है। एडीएस साहब बोले हैं कि डेढ़ लाख रुपये कुएं के ले लो।”
स्थानीय मीडिया के मुताबिक राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार जोरों पर है, पीड़ितों की सुनवाई नहीं रही है, इसी वजह से लड़की ने अपनी बात सुनाने के लिए यह तरीका अख्तियार किया। घटना के वीडियो भी सामने आए हैं। वीडियो की शुरुआत में सरकारी गाड़ी को रोकने का प्रयास में युवती संग उसकी दो और बहने भी दिखाई देती हैं, एक बहन की गोद में बच्चा भी दिखाई दे रहा है, लेकिन गाड़ी नहीं रुकती है, इसके बाद दो बहनें तो अलग हो जाती हैं लेकिन काले रंग की टॉप पहने युवती गाड़ी के सामने डटी रहती हैं। आखिर में ड्राइवर पर जूं न रेंगती देख युवती गाड़ी के बोनट पर चढ़ जाती है।
इस दौरान आसपास महिला पुलिस और कुछ और पुलिसकर्मी युवती को मौके हटाने प्रयास करते देखे जाते हैं, लेकिन युवती टस से मस नहीं होती है। इस घटना का वीडियो आने के बाद सरकारी अधिकारी और उनके ड्राइवर की नीयत पर भी सवाल उठ रहे हैं, कहा जा रहा है कि युवती के सामने से नहीं हटने पर उसे कुचलने का प्रयास किया गया। इस बाबत खबर लिखे जाने तक प्रशासन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था।