यूपी में रेप की शिकार और खून से लथपथ तड़पती बच्ची को लेकर थाने के चक्कर काटते रहे घरवाले

यूपी के उन्नाव जिले की पुलिस पर एक बार फिर से रेप की घटना के बाद लापरवाही दिखाने के आरोप लगे हैं। वाकया बुधवार (24 मई) को घटित हुआ था। इस घटना में 25 साल के युवक ने महज नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता के घर वाले उसे खून से सनी और दर्द से तड़पते हुई हालत में लेकर थाने पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामला दर्ज करने की जगह उन्हें घंटों इंतजार करवाया और दूसरे पुलिस स्टेशन जाने के लिए कह दिया।

गंगा स्नान के लिए आई थी लड़की : पीड़िता लड़की अपने परिवार के साथ कई किलोमीटर दूर से ट्रैक्टर पर बैठकर गंगा स्नान के लिए आई थी। उन्होंने गंगा नदी में स्नान किया और मेले में घूमने चले गए। भीड़भाड़ का फायदा उठाकर ट्रैक्टर चालक का बेटा छोटू उसे सूनसान जगह में ले गया और वहीं उसके साथ दुष्कर्म किया। चूंकि आसपास काफी शोर था, इस वजह से बच्ची की चीखें लोग नहीं सुन सके। आरोपी के भाग जाने के बाद लड़की ने किसी तरह अपने परिजनों को तलाश किया और पूरी बात बताई। लड़की की मां ने आरोप लगाया,”जब वह वापस आई तो उसके कपड़े पूरी तरह से खून में सने हुए थे। छोटू मेरी बेटी को मेले में ले गया था। लेकिन वह उसे लेकर झाड़ियों में चला गया और वहीं उसके साथ रेप किया।”

टरकाती रही पुलिस: परिवार ने इस पूरे वाकये की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन औरास में जाकर की। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि वह लगातार पुलिस स्टेशन में जाकर मदद की गुहार लगाते रहे। लेकिन थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनकी रिपोर्ट लिखने से इंकार ​कर दिया। कई घंटे बीत जाने के बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें सफीपुर पुलिस स्टेशन में जाने के लिए कहा, जहां यह घटना घटित हुई थी।

क्या कहता है कानून : कानून यह कहता है कि पुलिस अधिकारी इस बात के लिए बाध्य है कि महिला अपराध के मामलों में शून्य प्राथमिकी दर्ज करेगा, फिर चाहें अपराध कहीं भी क्यों न हुआ हो? बाद में ये मामला आगे की जांच के लिए अग्रेषित किया जा सकेगा। लेकिन इस लड़की के मामले में ऐसा नहीं हुआ है। सफीपुर थाने की पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करवाया है, जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। उन्नाव के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसके सिंह ने बताया,”पीड़िता और उसके परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आगे की जांच जारी है।”

पहले भी लापरवाही करती रही है पुलिस: पिछले महीने उन्नाव में ही 16 साल की लड़की ने भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उस मामले में भी पुलिस पर मामला दबाने की कोशिश का आरोप लगा था। पीड़िता लड़की को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के लिए नौ महीने तक संघर्ष करना पड़ा था। पुलिस ने पीड़िता के पिता को कथित तौर पर झूठे मामले में जेल भेजा था, जहां उसकी मौत हो गई थी। इस मामले ने तब सुर्खियां बटोरी थीं जब पीड़िता ने योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर आत्महत्या की ​कोशिश की थी। बाद में मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था।

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