यूपी: डीएम का आदेश- शौचालय के साथ सेल्फी भेजो तभी मिलेगी सैलरी
उत्तर प्रदेश में एक कलेक्टर ने विचित्र आदेश जारी किया है, जिसको लेकर बवाल मच गया। प्रदेश के सीतापुर जिले की डीएम शीतल वर्मा ने सरकारी विभागों के लिए एक फरमान जारी किया। इसमें विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों को रोजाना शौचालय के इस्तेमाल का सबूत देने को कहा गया है। ऐसा न करने पर वेतन रोकने की चेतावनी दी गई है। कलेक्टर के आदेश में सभी अधिकारियों से कहा गया है कि वे प्रतिदिन ऐसी तस्वीरों को जमा करना सुनिश्चित कराएं। ‘आज तक’ के अनुसार, कलेक्टर के फरमान के बाद सभी विभागों के अफसर शौचालय के साथ तस्वीर भेजने में जुट गए हैं। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी शिक्षकों, स्कूल कर्मचारियों, हेल्पर और चपरासियों को प्रतिदिन शौचालय के साथ फोटो खींचकर जमा कराने का निर्देश दिया है। निर्देश में 27 मई तक इस प्रक्रिया को पूरा करने को कहा गया है। ऐसा न करने पर सैलरी रोकने की बात कही गई है। आदेश पर बवाल मचनेे के बाद जिलाधिकारी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि फर्जी टॉयलेट की छानबीन करने के लिए यह आदेश दिया। शीतल वर्मा ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए लगातार सरकारी सहायता मांगे जा रहे हैं।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब प्रशासन द्वारा शौचालय इस्तेमाल के नियम थोपे गए हैं। दो साल पहले हरियाणा के भिवानी में स्थानीय प्रशासन ने एक आदेश जारी कर कहा था कि जिनके घरों में शौचालय नहीं होंगे उनके राशन कार्ड पर सरकारी राशन नहीं दिया जाएगा। अतिरिक्त उपायुक्त ने खुले में शौच से मुक्त पंचायतों को विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि देने की भी बात कही थी। उत्तर प्रदेश में तो अपने घरों में शौचालय न बनवाने वालों पर पिछले साल बकायदा कार्रवाई भी की गई थी। हाथरस के सादाबाद में 129 लोगों को राशन नहीं दिया गया था। स्थानीय प्रशासन ने कहा था कि इनको राशन तब ही मिल पाएगी, जब ये लोग अपने घरों में शौचालयों का निर्माण करा लेंगे। जम्मू-कश्मीर में तो सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई थी। अप्रैल में राज्य के किश्तवाड़ जिले में अपने घरों में शौचालय का निर्माण न कराने पर 600 से ज्यादा कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया था।विकास आयुक्त ने बताया था कि पडेर के 616 सरकारी कर्मचारियों के घरों में शौचालय न होने की रिपोर्ट यह आदेश जारी किया गया था।