बंगला विवाद: दस्तावेज जारी कर बीजेपी खोलेगी मुलायम, मायावती, अखिलेश की पोल
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगला विवाद में नया मोड़ आ गया है। अब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे सियासी मुद्दा बनाने का फैसला किया है। बता दें कि छह पूर्व मुख्यमंत्रियों में से दो बीजेपी के मुख्यमंत्री रहे हैं। इनमें राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही बंगला खाली करने के संकेत दे चुके हैं लेकिन सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती को बंगले का मोह सताता रहा है। मुलायम सिंह यादव जहां बंगला बचाने का फार्मूला लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से जा मिले वहीं अखिलेश यादव ने पत्र लिखा है कि दो साल तक वो बंगला खाली नहीं करेंगे क्योंकि उनके पास लखनऊ में घर नहीं है। उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी सरकारी आवास 13 ए मॉल एवेन्यू पर श्री कांशीराम विश्राम स्थल का बोर्ड लगवा दिया है।
बीजेपी अब इन पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगला प्रेम और चुनावी हलफनामे में सौंपे दस्तावेज के आधार पर पोल खोलने की तैयारी में है। इसके साथ ही बीजेपी के लोग अब गांव-गांव जाकर इन तीनों नेताओं के बंगला प्रेम और झूठ बोलने की कहानी जनता को सुनाएंगे। बीजेपी की रणनीति के तहत मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियां भी पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर बताएंगे। बीजेपी के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि सपा, बसपा के नेता निजी स्वार्थ के आधार पर राजनीति करते हैं और संवैधानिक संस्थाओं के नियमों को ताक पर रखते हैं। उन्होंने कहा कि दस्तावेज बताते हैं कि इन नेताओं के पास लखनऊ में रहने का ठिकाना है लेकिन मोहवश सरकारी बंगला खाली नहीं कर रहे हैं और तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं।
बता दें कि शुक्रवार (25 मई) को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और मायावती के सरकारी बंगले 13 ए मॉल एवेन्यू को श्री कांशीराम विश्राम स्थल को आवंटित करने का अनुरोध किया है। मिश्रा का कहना है कि इस बंगले में मायावती सिर्फ दो कमरे में ही रहती थीं। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि जिस बंगले को खाली करने का नोटिस दिया गया है, वह मायावती के नाम पर आवंटित ही नहीं है। बीजेपी नेताओं ने चुनावी हलफनामों के आधार पर बताया कि मायावती ने 2012 में यह हलफनामा दिया था कि उनका पोस्टल एड्रेस 13 ए मॉल एवेन्यू है। इसके अलावा दिल्ली में उनका एक निजी बंगला है। दिल्ली के कनॉट प्लेस में भी मायावती की एक कॉमर्शियस बिल्डिंग है। इसके अलावा लखनऊ में ही 9ए मॉल एवेन्यू में एक रिहायशी मकान है।
बीजेपी नेताओं ने अखिलेश यादव की चिट्ठी के बाद उनकी पोल खोली है। चुनावी हलफनामे के आधार पर कहा गया है कि अखिलेश यादव के पास इटावा की फ्रेंड्स कॉलोनी में एक घर है। लखनऊ में भी दिलकुशा एमजी रोड में कॉमर्शियल बिल्डिंग है। 2014 के लोकसभा चुनाव में सौंपे हलफनामे के आधार पर कहा गया है कि मुलायम सिंह यादव के पास भी इटावा की फ्रेंड्स कॉलोनी में 5000 वर्ग फुट में घर है। इसके अलावा लखनऊ के गोमतीनगर के विजयखंड में 5974 वर्गफुट का मकान है। इटावा और गोमतीनगर में दूसरा भूखंड भी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को इस महीने के अंत तक सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया है।