अगर ये प्रस्ताव पास हुआ तो देश के 8 राज्यों में हिंदुओं को किया जाएगा अल्पसंख्यक घोषित
मीडीया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार देश के आठ राज्यों में जल्द ही हिंदुओं को अल्पसंख्यकों का दर्जा दिया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो पंजाब में सिखों और जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों से अल्पसंख्यक का दर्जा छिनने की नौबत आ सकती है। 14 जून को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की महत्वपूर्ण बैठक में वाइस चेयरमैन के नेतृत्व में इस मामले में फैसला लिया जाना है। बैठक में प्रस्ताव पास होता है तो दोनों राज्यों में सिखों और मुसलमानों को इस मद में मिलने वाली मदद नहीं मिल पाएगी। दरअसल भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर आठ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने की मांग की थी। अर्जी में जम्मू-कश्मीर और पंजाब के अलावा जिन राज्यों का जिक्र है उनमें लक्ष्यदीप, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर शामिल हैं। साल 2011 की मतगणना के मुताबिक इन राज्यों में हिंदुओं की आबादी क्रमश: 28.44, 38.40, 2.5, 2.75, 8.75, 11.53, 29 और 31.39 फीसदी है। मामले में अल्पसंख्यक आयोग ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय को चिट्ठी लिखकर कहा है कि 14 जून को उनकी याचिका पर चर्चा की जाएगी। आयोग ने भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय से यह भी कहा है कि वह इस दिन होने वाली बैठक में दोपहर 3:30 मौजूद रहें।
बता दें अश्विनी कुमार ने अर्जी में कहा कि साल 2011 के आंकड़ों के मुताबिक देश के आठ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। मगर इन राज्यों में अल्पसंख्यक होने का लाभ उन्हें मिला रहा जो मौजूदा आंकड़ों में अल्पसंख्यक हैं ही नहीं। कुमार ने कहा कि इसकी सबसे बड़ी वजह यह है है कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम की धारा 2-सी के तहत हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं दिया। जबकि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक की मदद के लिए राज्यों सरकारों को करोड़ों रुपए की मदद देती है, लेकिन इन योजनाओं का लाभ आठ राज्यों के हिंदुओं को नहीं मिल पा रहा है।