आवारा कुत्तों के काटने से 14 बच्चों की मौत पर बीजेपी मंत्री बोले- कोई किसी को काट ले तो हम क्या करें

यूपी के सीतापुर और उसके आस-पास के इलाकों में कुत्तों के कारण लोग दहशत में हैं। लगभग महीने भर के अंदर आवारा कुत्तों के काटने से अब तक 14 बच्चों की मौत हो चुकी है। इन बच्चों की मौत पर उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए इस मामले से अपना पल्ला झाड़ा है। दरअसल मंत्री सुरेश खन्ना वाराणसी में कीसी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने पत्रकारों से भी बात की। इस प्रेस वार्ता में जब एक पत्रकार ने उनसे कुत्तों के काटने के कारण हुई मौतों पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा- अगर कोई जानवर कहीं गुसा और उसने किसी को काट लिया तो इसमें शासन और सत्ता कहां से बीच में आता है। बता दें कि कि उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में पिछले एक महीने के दौरान आवारा कुत्तों का आतंक काफी बढ़ गया है। आदमखोर कुत्तों ने सीतापुर में अब तक 14 बच्चों की जान ली है। इसकी गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद ही जिले का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की थी और अधिकारियों को कड़े दिशा निर्देश जारी किए थे।
Ab koi jaanwar kahin ghusa aur usne kisi ko kaat liya toh usme shaasan aur satta kahaan se beech mein aate hain?: Suresh Kumar Khanna,UP Minister on attacks by stray dogs which claimed the lives of 14 children in Sitapur. pic.twitter.com/iqOtjrb792
— ANI UP (@ANINewsUP) May 26, 2018
योगी आदित्यनाथ ने जिले के दौरे के दौरान राज्य स्तर पर एक कुत्ता समिति का गठन भी किया था, लेकिन इसके उलट सीतापुर में अभी भी लोगों को आवारा कुत्तों से निजात नहीं मिली है। आए दिन कुत्ते लगातार बच्चों को अपना निशाना बना रहे हैं। इसे देखते हुए नगर निगम लखनऊ के अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं।
सीतापुर की घटना के बाद राजधानी लखनऊ की गलियों में घूम रहे आवारा कुत्ते भी निगम के निशाने पर हैं। अधिकारियों की मानें तो गली-मोहल्लों में बेखौफ घूमने वाले आवारा कुत्तों पर लगाम कसने के लिए जल्द ही उनकी नसबंदी शुरू की जाएगी। नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। योजना के अनुसार, आवारा कुत्तों की नसबंदी का जिम्मा किसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनी या इस मामले में ज्यादा अनुभवी कंपनी को दिया जा सकता है, ताकि नसबंदी के दौरान कोई समस्या न आए।
कंपनी को शहर के कुत्तों को पकड़कर इंदिरानगर स्थित अस्पताल लाने और उनकी नसबंदी करने का जिम्मा सौंपा जाएगा। यही नहीं, गली-मोहल्लों में बेखौफ घूम रहे आवारा कुत्तों के बच्चों पर भी नजर रखी जाएगी और बड़े होते ही इनकी भी नसबंदी कर दी जाएगी। हालांकि, अधिकारियों ने यह भी कहा कि देसी कुत्तों की नसबंदी के दौरान मोहल्ले में रहने वाले लोग अगर इसका विरोध करेंगे, तो उन्हें हर देसी कुत्ते का पंजीकरण कराकर लाइसेंस लेना होगा।