पत्‍नी, बेटे को कांग्रेस सरकार ने दी नौकरी, सिद्धू बोले- नहीं लेंगे

करीब एक महीना पहले पंजाब सरकार में स्थानीय निकाय और पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को पंजाब स्टेट वेयरहाउसिंग का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया। इसके दो दिन उनके बेटे करन सिंह सिद्धू को भी राज्य में सरकार में अहम पद दिया गया। उन्हें असिस्टेंट एडिशनल एडवोकेट नियुक्त किया गया। बाद में दोनों नियुक्तियों पर विवाद बढ़ने पर कैबिनेट मिनिस्टर ने सफाई दी है। उन्होंने बीते शनिवार (26 मई, 2018) को बयान जारी कर कहा कि उनकी पत्नी और बेटा इन विभागों में नौकरी नहीं करेंगे। हालांकि घटना के एक दिन पहले सिद्धू खुद अपने बेटे की नियुक्ति के बचाव में आए थे। शुक्रवार को उन्होंने करन सिंह की नियुक्ति का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें नौकरी मेरिट के आधार पर मिली है। जबकि पत्नी की नियुक्ति पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें (पत्नी) पंजाब में पिछले साल के विधानसभा चुनावों में भाग लेने में कांग्रेस हाई कमांड द्वारा किए गए एक वादे का सम्मान करने के लिए नियुक्त किया गया था। मामले में गुरुवार को संडे एक्सप्रेस को नवजोत कौर ने खुद बताया कि नौकरी के लिए शुरुआती अनिच्छा के बाद वह बाद में पीएसडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन बनने के लिए 70 फीसदी तैयार हो गईं और अगले सप्ताह नौकरी ज्वाइन करने वाली हैं।

हालांकि अब शनिवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया है कि पत्नी के विवेक ने उन्हें नौकरी करने की अनुमति नहीं दी। बता दें पूर्व मे भाई भतीजाबाद की कड़ी आलोचना कर चुके सिद्धू ने कहा कि यह उनकी पत्नी और बेटे का फैसला है कि वो नौकरी नहीं करेंगे। सिद्धू ने बताया कि शनिवार को उनके बेटे ने भी उन्हें नौकरी ना करने की जानकारी दी है। बेटे ने कहा कि उन्होंने पंजाब एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को भी अपने निर्णय की जानकारी दे दी है। सिद्धू ने बताया कि उनका बेटा पिछले एक साल से बिना किसी चार्ज के पंजाब एजी ऑफिस में काम कर रहा था।

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