देशभर की छावनियों की सड़कों का इस्तेमाल करने की अनुमति मिली अब आम लोगों को भी
हाल के दिनों में सांसदों की भावुक अपील के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशभर की छावनियों की सड़कों का इस्तेमाल करने की अनुमति अब आम लोगों को भी दे दी है। खास बात यह कि रक्षा मंत्री से इस अपील के लिए सैन्य अफसरों के अलावा उनकी पत्नियों ने भी साक्षात्कार अभिायन चलाया था। चार मई, 2018 को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अहम फैसले के लिए सासंदों, देश की सभी 62 छावनियों के चुने हुए उपाध्यक्ष, मिलिट्री के वरिष्ठ अधिकारी के अलावा सेना मुख्यालय और रक्षा प्रतिष्ठान महानिदेशालय के साथ 21 मई को मीटिंग की। मामले में सेना के मुख्यालय ने एक पत्र जारी कर बताया कि सभी बैरियर्स, चैक पोस्ट और रोड ब्लॉक्स को हटा लिया जाएगा। इसके अलावा वाहनों को ना रोका जाएगा और ना ही उनकी तलाशी ली जाएगी। भरोसेमंद सूत्र ने संडे एक्सप्रेस को बताया कि मंत्रियों, सांसदों और छावनी बोर्ड के सदस्य ने रक्षा मंत्री से कहा कि छावनियों की सड़के बंद होने के कारण आम लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
रिपोर्ट के मुताबिक जिन सासंदों ने छावनियों की सड़कों के इस्तेमाल के लिए रक्षा मंत्री से गुहार लगाई उनमें अजमेर के रघु शर्मा, विंसेट पाला (शिलोंग), रतन लाल कटारिया (अंबाला), हेमंत गोडसे (देवलाली), राम कृपाल यादव (दानापुर), दिलीप गांधी (अहमदनगर), संतोष गंगवार (बरेली) राजिंदर अग्रवाल (मेरठ), विवेक तन्खा (जबलपुर) के अलावा सिकंदराबाद के विधायक एनवीएसएस प्रभाकर शामिल हैं। मीटिंग में मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि बैठक बहुत भावुक हो गई। इसमें कहा गया कि छावनियों की सड़कों के इस्तेमाल से इनकार किया जा रहा है। यहां तक मेडिकल इमरजेंसी और शवयात्रा के दौरान भी इन सड़कों का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता।
सूत्र बताते हैं कि देश की 22 छावनियों के 52 रोड पूरी तरह से बंद थे। जबकि 15 छावनियों के 47 रोड आंशिक रूप से आर्मी द्वारा बंद रहा करते थे। इनमें से कुछ सड़के तो करीब दो दशकों तक बंद रहीं। इलाहाबाद छावनी का मौलाना आजाद मार्ग रोड तो साल 1998 से बंद रहा है।