बागपत में धरने पर बैठे गन्ना किसानों में से एक की मौत, धरना स्थल पर ही किसानों ने रखा
बागपत की बड़ौत तहसील में 21 मई से धरने पर बैठे करीब 50 गन्ना किसानों में से एक की मौत हो गई। शनिवार सुबह किसान उदयवीर सिंह ने दम तोड़ दिया। उनका शव धरना स्थल पर बर्फ की दो मोटी सिल्लियों के ऊपर रखा गया है। यह किसान चीनी मिलों द्वारा बकाया का भुगतान न किए जाने का और ग्रामीण बिजली का टैरिफ बढ़ाए जाने के खिलाफ धरना कर रहे हैं। जैसे ही उदयवीर की मौत की खबर फैली, गन्ना बेल्ट के सैकड़ों आक्रोशित किसानों ने तहसील कार्यालय पर धावा बोल दिया। विपक्षी दलों- सपा, रालोद और कांग्रेस के नेता धरने की जगह की ओर पहुंच रहे हैं।
बड़ौत तहसील उस जगह से बमुश्किल 30 किलोमीटर दूर हैं जहां से रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले ‘स्मार्ट’ हाइवे का उद्घाटन करेंगे। यह हाइवे पश्चिमी यूपी के जिले बागपत को छूकर निकलता है। शुरुआत में जिले के अधिकारियों ने दावा किया कि सिंह को दिल का दौरा पड़ा होगा। मौत के करीब 10 घंटे बाद, रात 8 बजे परिवार ने एफआईआर दर्ज कराई जिसमें कहा गया कि सिंह की मौत ‘अप्राकृतिक कारणों’ से हुई।
धरना-स्थल पर बैठे किसान नेता चौधरी सुरेंदर सिंह ने कहा, ”बिजली का बिल हर दो महीने पर करीब 1,600 रुपये बढ़ा दिया है। हमारा बकाया रोज बढ़ता ही जा रहा है। कई खेत ऐसे हैं जहां गन्ना अभी नहीं कटा है। किसानों के सामने संकट जैसी परिस्थितियां हैं।” किसानों ने कहा कि भाजपा ने राज्य की सत्ता में आने के 14 दिन के भीतर बकाया भुगतान का वादा किया था, उल्टे बिजली और महंगी कर दी है।
रालोद नेता जयंत चौधरी ने उदयवीर को ‘शहीद’ करार दिया। उन्होंने कहा, ”सरकार ने पिछले 5 महीनों में दूसरी बार बिजली महंगी की है। चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं। वे (सरकार) विदेशों से चीनी आयात कर रहे हैं। यह गंभीर मुद्दा है। (सिंह ने) दूसरों के हितों के लिए लड़ते हुए अपनी जान दे दी, वह शहीद है।” नजदीकी कैराना में गन्ना बकाया का मुद्दा आगामी उपचुनावों में बेहद अहम हो गया है।
एसडीएम अरविंद कुमार द्विवेदी ने द संडे एक्सप्रेस से कहा, ”हम पिछले साल का बकाया जल्द जारी कर देंगे। एक प्रस्ताव राज्य मुख्यालय भेजा गया है। टैरिफ पर, हमने किसानों से वादा किया है कि पश्चिमी यूपी पावर अथारिटी संग एक बैठक कराई जाएगी। हम सिर्फ सरकार द्वारा बनाई गई नीतियां ही लागू कर सकते हैं।”
जीवाना में सिंह का परिवार- उसकी पत्नी और तीन बच्चे शव पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। बागपत एडीएम लोकपाल सिंह शाह 6 बजे घटनास्थल पर पहुंचे और पहले सिंह के परिवार के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया, फिर उसे बढ़ाकर 12 लाख कर दिया। उन्होंने कहा, ”मैं सरकार को लिखूंगा कि मुआवजे की रकम बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जाए जैसा किसान मांग कर रहे हैं।”