हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर सरकार के बीच बॉर्डर विवाद , 11 किलोमीटर अंदर घुसे कश्‍मीरी पुलिसकर्मी

हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर सरकार के बीच बॉर्डर विवाद खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। करगिल पुलिस ने हिमाचल प्रदेश की सीमा के 11 किलोमीटर अंदर सरचु में पुलिस पोस्ट स्थापित किया है। ये स्थान मनाली से 222 किलोमीटर दूर है। करगिल प्रशासन ने 1984 में सर्वे ऑफ इंडिया दोनों राज्यों के बीच की गई सीमांकन को मानने से इंकार कर दिया है। तब इस समझौते को लाहौल-स्फीति के कमिश्नर और लेह के कमिश्नर ने स्वीकृति दी थी। करगिल प्रशासन का कहना है कि सरचू जम्मू-कश्मीर के तहत आता है, ना कि हिमाचल के लेह जिले के तहत। लाहौल स्फीति पुलिस को डारचा के ग्राम प्रधान सोनम डोलमा ने शिकायत देकर कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग लाहौल के स्थानीय लोगों को सरचू छोड़कर जाने को कह रहे हैं।

लाहौल स्फीति के एसपी राजेश धरमानी ने कहा कि 26 मई को पुलिस की एक टीम कानून व्यवस्था का जायजा लेने सरचू पहुंची थी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे किसी भी गैर कानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि करगिल हिमाचल की 11 किलोमीटर लंबे भूभाग पर दावा कर रहा है। एसपी राजेश धरमानी के मुताबिक ये विवाद लगभग 10 साल पुराना है और सरकार इसे सुलझाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर पर नजर रखना पुलिस का काम है, जबकि बॉर्डर विवाद को सुलझाना राज्य सरकारों का काम है।

जम्मू-कश्मीर की करगिल पुलिस पर आरोप है कि वे लोग लाहौल स्फीति पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के जनप्रितिनिधियों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में स्थित ये लोग यहां ढाबा मालिकों को धमका रहे हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भी इस मामले को अपने तरीके से सुलझाने की कोशिश कर रहा है। आयोग ने लाहौल स्फीति और करगिल के जिला अधीक्षकों को बुलाकर मामले को सुलझाने की कोशिश की थी। लेकिन ये विवाद बरकरार है।

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