महिला ने कहा- मुस्लिम पहले और भारतीय बाद में कहने में क्या हर्ज है? पूर्व ले. जनरल ने दिया जवाब
एक महिला ने सोशल साइट ट्विटर पर कहा कि पहले मुस्लिम और उसके बाद खुद को भारतीय कहने में हर्ज क्या है? महिला ने कहा कि मुस्लिम धर्म के लोग कुरान के मुताबिक ही चलते हैं। मुस्लिम अपने भाइयों के लिए खड़े होते हैं। भाई से मेरा यह मतलब कश्मीरियों से है। यह सही है ना? इस महिला का नाम डॉक्टर रीता पाल है। रीता पाल कश्मीरियों के लिए मानवाधिकारी संरक्षण के क्षेत्र में काम करती हैं। रीता पाल के इस ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अदा हसनैन ने रीता पाल को इसपर करारा जवाब दिया है। रिटायर्ड जनरल ने कहा कि ‘ब्लडी ट्रोल.हम ह्रदय से भारतीय हैं’।
विशाल नाम के एक यूजर ने ट्विट पर लिखा कि यूके ने रीता पाल के मेडिकल प्रैक्टिस करने पर बैन लगा रखा है। इसलिए अब वो किसी भी रास्ते से पैसा कमाना चाहती हैं। इसलिए मानवाधिकार का व्यापार इनके लिए सबसे अच्छा है और आईएसआई इसके लिए पैसे भी देता है। जेपी जोशी नाम के एक और यूजर ने लेफ्टिनेट जनरल से अपील करते हुए लिखा की आपसे अनुरोध है कि आप रीता जैसे लोगों को अपनी ईमानदारी का सबूत मत दीजिए। ये लोग किसी तरह की दिमागी बीमारी से परेशान हैं। ऐसे लोगों पर कोई प्रतिक्रिया ना दें। एक यूजर ने लिखा कि ‘हो सकता है कि कुरान ऐसा कहता हो लेकिन क्या यही सही है? नहीं, सच्चाई यह है कि भारत पहले आता है और धर्म बाद में खास कर भारतीय आर्मी के लिए तो जरूर। इसलिए भारतीय सैनिकों से कभी भी इस तरह धर्म की बातें नहीं करना।
एक यूजर ने तो सोशल साइट पर ही रीता की गिरफ्तारी की मांग उठा दी। टीएस आनंद नाम के लिए शख्स ने लिखा की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में रीता की गिरफ्तारी होनी चाहिए। मुझे आशंका है कि वो आईएसआई के लिए काम कर रही हैं। सुनील नाम के एक और यूजर ने लिखा कि कोई भी भारतीय सेना की मंशा और उसकी कार्रवाई पर सवाल नहीं उठा सकता। कई लोगों ने पूर्व सेना अधिकारी से रीता को इग्नोर करने की अपील की।