कभी आरएसएस-आतंकियों के लिंक का जताया था शक? संघ के कार्यक्रम में प्रणव मुखर्जी के जाने से कांग्रेस हैरान
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जाने के फैसले को लेकर कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेता हैरान हैं। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी देश से बाहर हैं। दोनों की इस खबर पर क्या राय है, इस बात का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। हालांकि, कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेता सार्वजनिक तौर पर कोई टिप्पणी करने से बचते नजर आए। आरएसएस के मुताबिक, मुखर्जी 7 जून को नागपुर स्थित मुख्यालय में आयोजित सालाना कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। कहा जा रहा है कि मुखर्जी ने कार्यक्रम में आने की सहमति दे दी है। आरएसएस के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा, ‘हमने भारत के पूर्व राष्ट्रपति को न्योता दिया है। उन्होंने कार्यक्रम में शरीक होने की रजामंदी दे दी है।’
एक कांग्रेस नेता ने बताया कि मुखर्जी ही वो शख्स थे, जिन्होंने ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के 2010 के अधिवेशन में एक राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया था। इसमें उन्होंने तत्कालीन यूपीए सरकार से मांग की थी कि’आरएसएस व इसके अनुषांगिक संगठनों और आतंकियों के बीच लिंक्स की जांच कराई जाए, जो हाल के कुछ मामलों में सामने आए हैं।’ उधर, प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने की खबर पर शीर्ष कांग्रेसी नेता एके एंटनी समेत कई अन्य कोई टिप्पणी करने से बचते दिखे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘वह एक बुद्धिमान शख्स हैं। वह भारत के राष्ट्रपति रहे हैं। वह सेक्युलर विचारधारा के हैं। ऐसे में वहां जाने से उनके बर्ताव में कोई बदलाव नहीं होगा। वह वैसे ही रहेंगे।’
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी से इस बारे में पार्टी की राय पूछी गई तो उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस बारे में जवाब देने के लिए सबसे सही शख्स खुद पूर्व राष्ट्रपति हैं। यह न्योता उन्हें दिया गया है। उन्होंने यह न्योता स्वीकार किया है। जाहिर है कि वह जा रहे हैं। ऐसे में कोई सवाल है तो उसका जवाब देने के लिए वह सबसे मुफीद शख्स हैं।’ वहीं, एक अन्य सीनियर नेता ने कहा, ‘मुझसे क्यों पूछ रहे हैं? अन्य वरिष्ठ नेताओं से पूछिए।’ बता दें कि प्रणब मुखर्जी करीब-करीब पूरा जीवन कांग्रेस के साथ रहे। जब पिछले साल वह राष्ट्रपति पद से रिटायर हुए तो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि प्रणब अब संवैधानिक बंदिशों से आजाद हो चुके हैं, ऐसे में वह कांग्रेस पार्टी के मुख्य सलाहकार होंगे और पार्टी को शीर्ष तक ले जाने में मदद करेंगे। अय्यर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा नहीं कि मुखर्जी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है।