पीएम मोदी को लेकर दिए बयान में सुषमा स्वराज से हुई बड़ी चूक, मांगी माफी

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी उस टिप्पणी को लेकर सोमवार (28 मई) माफी मांगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के जनकपुर के अपने हालिया दौरे पर लाखों ‘‘ भारतीयों ’’ को संबोधित किया। नेपाल के एक सांसद समेत ट्विटर के अन्य यूजर्स द्वारा जब उन्हें ध्यान दिलाया गया कि जनकपुर में उन्होंने नेपाली लोगों को संबोधित किया था न कि भारतीयों को, इसके बाद सुषमा ने ट्वीट कर माफी मांगी। उन्होंने ट्वीट किया , ‘‘ यह मेरी तरफ से हुई गलती थी। मैं पूरी गंभीरता से इसके लिए माफी मांगती हूं। ’’ सुषमा ने राजग सरकार की चौथी वर्षगांठ के मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी से पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने इतने बड़े स्तर पर भारतीय प्रवासियों तक पहुंचने का प्रयास नहीं किया। इस ट्वीट में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उस वीडियो को भी पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने कहा था, “आप जानते हैं कि आज से पहले, इस सरकार के आने से पहले, कभी किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने, भारतीय समुदाय के साथ इस पैमान पर संबोधन करके कभी जुड़ाव नहीं किया, लेकिन पहले प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी जिन्होंने अमेरिका के मेडिसन स्क्वायर से लेकर जनकपुर के मैदान तक लाखों लाख भारतीय को संबोधित करके सीथे उनके साथ जुड़ाव करने की कोशिश…

नेपाली कांग्रेस के नेता और सांसद गगन थापा ने विदेश मंत्री के इस बयान की निंदा की और आश्चर्य जताया कि क्या ये नेपाल की संप्रभुता को लापरवाही पूर्वक कम करके दिखाने की कोशिश है। उन्होंने ट्वीट किया, ” ये निंदा का विषय है कि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जनकपुर की जनता को, जिसे नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था, उसे भारतीय बता दिया, हैरानी की बात है कि यहां किस तरह का कन्फ्यूजन था, या क्या ये नेपाल की संप्रभुता को कम कर दिखाने की कोशिश थी।”

इधर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राजग सरकार की विदेश नीति को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान विदेश मंत्रालय कुछ संभ्रांत लोगों का मंत्रालय हुआ करता था, जबकि पिछले चार साल में यह आम लोगों का मंत्रालय बन गया है। भारत के हर वक्त के सहयोगी रूस की पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ने और डोकलाम में चीन के निर्माण कार्य करने के मुद्दे से निपटने में सरकार के विफल होने के विपक्ष के आरोपों को सुषमा ने खारिज कर दिया। सुषमा ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि कांग्रेस शासन में विदेश मंत्रालय संभ्रांत लोगों का मंत्रालय हुआ करता था और पिछले चार साल में आम लोग भी इससे जुड़े हैं।

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