नरेंद्र मोदी सरकार की परफॉर्मेंस से संतुष्ट नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विपक्ष के ‘खतरे’ से निपटने की यूं कर रहा तैयारी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ एकजुट हुए विपक्षी दलों का खुलकर सामने आना बेहद खटक रहा है। ऐसे में संघ ने अपने स्तर पर इस खतरे से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। सोमवार (28 मई) को इसी क्रम में संघ और बीजेपी के नेताओं के बीच बैठकों का दौर चला, जिनमें चुनाव से पहले जमीनी स्तर पर लोगों के मूड भांपने की बात पर जोर दिया गया।
संघ ने इसी के साथ विपक्षी दलों की एकजुटता और लगातार उनके द्वारा सरकार पर किए जा रहे सवालों से निपटने की नीति पर भी विचार-विमर्श किया। संघ की ओर से यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव (राजस्थान व मध्य प्रदेश) और लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
आपको बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बनी है। सीएम एचडी कुमारस्वामी के शपथग्रहण पर विपक्ष का जमावड़ा बेंगलुरू में लगा था। जानकारों का कहना था कि आम चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ यह विपक्षी दलों के एकजुट होने की झलक थी।
संघ के महासचिव कृष्णगोपाल सोमवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, संस्कृति मंत्री महेश शर्मा और बीजेपी के कुछ अन्य नेताओं से मिले थे। संघ के एक अधिकारी ने बताया, “हां, कुछ बैठकें हुई हैं। इन बैठकों का मकसद संघ और बीजेपी के बीच कई अहम मसलों पर चर्चा करना था, ताकि हम विरोधियों को उचित जवाब दे सकें।”
सूत्रों के की मानें तो संघ कुछ मामलों में केंद्र सरकार की परफॉर्मेंस से संतुष्ट नहीं है, जिनमें रोजगार देने का वादा, एफडीआई और श्रमिकों से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। एक अन्य संघ के अधिकारी ने कहा कि लगभग हर चुनाव में संघ के कैडर बीजेपी के पीछे खड़े होते हैं। लेकिन इस बार संघ ने पार्टी के और करीब आकर मदद करने का फैसला लिया है।