हिंदू महासभा की मांग- नोट पर बापू की जगह छापी जाए वीर सावरकर की तस्वीर
भारतीय मुद्रा पर महात्मा गांधी के बजाय समाज सुधारक वीर सावरकर की तस्वीर होनी चाहिए। सरकार अब से नोटों पर उन्हीं की तस्वीर को छापे।” ये मांग अखिल भारतीय हिंदू महासभा (एबीएचएम) ने केंद्र सरकार के सामने उठाई है। संगठन ने इसके साथ सावरकर को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के लिए भी कहा है।
हिंदू महासभा के प्रमुख स्वामी चक्रपाणि ने इस संबंध में केंद्र सरकार से दरख्वास्त की है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा का कहना है कि सावरकर ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी। देश की मुद्रा पर उनकी तस्वीर छापकर उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए।
सावरकर का पूरा नाम- विनायक दामोदर सावरकर था। उनका जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के भागुर शहर में हुआ था। 12 साल के हुए, तो दोस्तों ने वीर नाम रख दिया। कारण- गांव पर भीड़ के हमले के दौरान उन्होंने कुछ दोस्तों के साथ आवाज उठाई थी। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी।
सावरकर स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, वकील, राजनेता, कवि, लेखक और चिंतक थे। आगे चलकर उन्होंने हिंदुत्व शब्द गढ़ा था। उन्होंने इसका जिक्र अपने मशहूर आलेख में किया था, जिसका शीर्षक ‘हिंदुत्व: हू इज हिंदू’ था। यह लेख उन्होंने साल 1923 में लिखा था।
स्वामी चक्रपाणि ने इससे पहले जिन्ना तस्वीर विवाद में भी कूदे थे। उन्होंने तब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को ‘मिनी पाकिस्तान’ बता दिया था। कहा था कि एएमयू परिसर में पाकिस्तान के संस्थापक मो.अली जिन्ना की तस्वीर लगाकर भारत के महापुरुषों और सेना का अपमान किया गया है। उन्होंने इसी के साथ इस मामले की जांच कराने की मांग उठाई थी।
बता दें कि आलोचक अक्सर सावरकर पर बापू की हत्या के षडयंत्र में होने का आरोप लगाते रहते हैं। मगर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में महात्मा गांधी की हत्या के षडयंत्र में सावरकर की किसी प्रकार की भूमिका की बात खारिज कर दी थी। कोर्ट के आदेश पर मुंबई में रहने वाले एक शख्स ने पीएम मोदी से सावरकर का नाम गलत तरीके से इस्तेमाल करने व अन्य विवाद में फंसाने से बचाने की अपील की थी।