यूपी: एटीएस के एडिशनल SP राजेश साहनी ने की खुदकुशी, मुख्यालय में खुद को मारी गोली
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) में तैनात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजेश साहनी लखनऊ स्थित एटीएस के मुख्यालय में ही संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए हैं। वह यूपी-एटीएस में एडिशनल एसपी के तौर पर तैनात थे। उनके शव को मंगलवार (29 मई) को एटीएस के कार्यालय से बरामद किया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीनियर आईपीएस अधिकारी साहनी ने अपने ही रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। घटना के तुरंत बाद उन्हें नजदीक के अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पिछले सप्ताह ही उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। घटना के बाद एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। राजेश साहनी वर्ष 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। आईपीएस अधिकारी द्वारा आत्महत्या करने की इस घटना से यूपी-एटीएस के अलावा पुलिस विभाग के आला अधिकारी भी सकते में हैं। मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल सका है।
एडिशनल एसपी राजेश साहनी द्वारा एटीएस मुख्यालय में ही खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है। रिपोर्ट के अनुसार, गोमती नगर स्थित एटीएस मुख्यालय में दोपहर तकरीबन एक बजे के करीब गोली की आवाज सुनी गई थी। इसके बाद वहां भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई थी। साथी पुलिसकर्मी जब मौके पर पहुंचे तो देखा कि आईपीएस राजेश का खून से लथपथ शव पड़ा है। घटना के बारे में तत्काल सभी आला अधिकारियों को सूचित कर दिया गया। एडीजी (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार, एसएसपी दीपक कुमार समेत कई अफसर तुरंत मौके पर पहुंच गए। बता दें कि इस्लामिक स्टेट (ISIS) खुरासान मॉड्यूल का खुलासा करने वाले अधिकारी राजेश साहनी का नाम उत्तर प्रदेश पुलिस के बेहद काबिल अफसरों में शामिल था। बता दें कि आतंकवाद से निपटने के लिए विशेष तौर पर एटीएस का गठन किया गया है। प्रत्येक राज्य के पुलिस विभाग में इसकी शाखा तैयार की गई है, ताकि आतंकवाद जैसे गंभीर मामलों से विशेष तौर पर निपटा जा सके। इसमें पुलिस के काबिल अधिकारियों को ही शामिल किया जाता है।