तारक मेहता का उल्टा चश्मा को बैन किए जाने पर ‘बबीता’ बोलीं- पहले एपिसोड ठीक से देखो

हाल ही में सब टीवी के धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के एक एपिसोड पर एक सिख समुदाय द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद शो में बबीता का किरदार निभाने वाली मुनमुन दत्ता ने सफाई पेश की है। खबरों के मुताबिक मुनमुन ने कहा- शो में सोडी की भूमिका निभाने वाले गुरुचरण खुद सिख समुदाय से हैं और वह खुद ही शो में कुछ ऐसा नहीं कहते जिससे किसी की भावनाएं आहत हों। उन्होंने कहा कि मुझे अच्छी तरह याद है कि शो का एपिसोड शूट किए जाने के दिन उन्होंने कहा था कि गुरु गोविंद सिंह जी का किरदार निभाने की अनुमति किसी को भी नहीं है। इसके बाद खालसा के किरदार को फिल्माया गया था और हमने पर्दे पर उसे ही दिखाया है।

मुनमुन उर्फ बबीता ने कहा- जो भी लोग इस एपिसोड या शो के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं उनसे मैं चाहती हूं कि वही एपिसोड फिर से देखें। उसमें सोडी कह रहा है कि यह उनका खालसा है। उन्होंने कहा- तारक मेहता का उल्टा चश्मा की सबसे खास बात ही यह है कि हम इसमें हर धर्म, जाति, संस्कृति और समुदाय के लोगों को शामिल करते हैं। हमारी हमेशा से यह कोशिश रही है कि हमारे किसी भी डायलॉग या अभिनय से किसी की भावनाएं आहत नहीं हों। गौरतलब है कि हाल ही में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ईशनिंदक होने का आरोप लगाया है और इसे बंद करने की मांग की है।

टीआरपी की रेस में आम तौर पर टॉप-10 में बने रहने वाले इस टीवी शो पर एक एपिसोड में गणपति पूजा के दौरान शो का एक एक्टर सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की भूमिका में नजर आया था। इस दृष्य को देखने के बाद सिख समुदाय में गुस्से की लबर है और उनका कहना है कि कोई भी जीवित व्यक्ति गुरू के स्वरूप को धारण नहीं कर सकता। खबरों के मुताबिक एसजीपीसी प्रमुख कृपाल सिंह बादुंगर ने कहा कि शो ने सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के जीवित स्वरूप का चित्रण कर समुदाय को ठेस पहुंचाई गई है और ऐसा करना सिख सिद्धांतों के खिलाफ है। कमेटी ने कहा कि कोई भी अभिनेता या कोई भी शख्स खुद की समानता गुरू के साथ नहीं कर सकता।

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