मंत्री ने हिटलर और मुसोलिनी से की नरेंद्र मोदी, अमित शाह की तुलना
आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के नेता यनामला रामाकृष्णडू ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह की तुलना हिटलर और मुसोलिनी से कर दी है। टीडीपी नेता ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को फासिस्ट बताते हुए कहा कि फासिस्टो ने लोकतंत्र को बर्बाद करने का काम किया था। यनामला रामाकृष्णडू ने कहा कि जब मैं मोदी और शाह के बारे में सोचता हूं कि मुझे हिटलर और मुसोलिनी याद आते हैं। दोनों ही डिक्टेटर थे। उन्होंने कहा कि मोदी और अमित शाह को राज्यों और देश की जनता से कोई मतलब नहीं है उन्हें सिर्फ किसी भी तरह से सत्ता हासिल करने से ही मतलब है। उन्होंने दोनों नेताओं पर नफरत की राजनीति करने का आरोप भी मढ़ा।
यनामला रामाकृष्णडू मंगलवार (29 मई) को विजयवाड़ा में मौजूद थे। यहां टीडीपी के महानडु कॉन्क्लेव में हिस्सा लेते हुए राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि जो लोग भी अमित शाह और नरेंद्र मोदी के धर्म के नहीं हैं या फिर उनकी मानसिकता के खिलाफ बोलते हैं उन्हें देश में रहने का हक नहीं है? इस कॉनक्लेव में टीडीपी ने 2019 के चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए एक रिजोल्यूशन भी पास किया। जिसमे कहा गया है कि भाजपा देश की लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है।
इस कॉन्क्लेव में यनामला रामाकृष्णडू ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के लिए उनके दिल में काफी सम्मान है। वाजपेयी ने कभी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था को तोड़ने की कोशिश नहीं की। लेकिन मोदी सरकार संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ काम कर रही है। रामाकृष्णडू ने प्रधानमंत्री पर आऱोप लगाया कि वो बदले की भावना से ग्रसित होकर ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि साल 2002 में गुजरात दंगों के वक्त गोधरा में कई लोगों की जान चली गई। उस वक्त एन चंद्रबाबू नायडू ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से कहा था कि चूकि गुजरात में नरेंद्र मोदी सीएम हैं इसलिए उन्हें इन दंगों को नहीं रोक पाने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। शायद नरेंद्र मोदी अब तक इस बात को नहीं भूले हैं और वो इसी बात का बदला अब आंध्र प्रदेश के सीएम से ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया था, लेकिन उनकी आंखों के नीचे भ्रष्टाचार हो रहा है। नीरव मोदी बैंकों से 13,000 करोड़ का कर्ज लेकर कैसे फरार हो गया? पिछले चार सालों में बैंकों की स्थिति काफी खराब हुई है। उन्होंने नोटबंदी के मुद्दे पर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा और नोटबंदी को पूरी तरह असफल बतलाया।