मंत्रियों के साथ अमित शाह की मौजूदगी में आरएसएस ने किया मोदी सरकार की नीतियों पर मंथन

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने पांच केंद्रीय मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर मंथन किया है। इस मीटिंग की अध्यक्षता आरएसएस के मुख्य सचिव कृष्णा गोपाल ने की। मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर यह बैठक मंगलवार (29 मई) को आयोजित की गई थी। भाजपा की तरफ से अमित शाह के अलावा पार्टी के जनरल सेक्रेटरी भूपेंद्र यादव जहां इस बैठक में मौजूद थे तो वहीं पांच केंद्रीय मंत्री में – पीयूष गोयल, राधा मोहन सिंह, गिरिराज सिंह, सुरेश प्रभु और संतोष गंगवार सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल थे। आरएसएस के आर्थिक समूह मसलन- भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, लघु उद्योग भारती और स्वेदशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने इसमें भाग लिया। संघ से जुड़े इन समूहों ने सरकार की आर्थिक नीतियों से संबंधित अपनी रिपोर्ट इस मीटिंग में पेश की।

सूत्रों के मुताबिक मंथन का यह दौर मुख्य रुप से किसानों और मजदूरों के लिए भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न नीतियों पर आधारित रहा। इस मीटिंग में पेट्रोल के बढ़ते दामों और एयर इंडिया को लेकर भी चर्चा की गई। विचार-विमर्श के दौरान संघ से जुड़े समूहों ने सरकार के विभिन्न मंत्रियों के कामकाज से जुड़ी परमफॉरमेंस रिपोर्ट भी पेश की। इस दौरान मंत्रियों ने सरकार द्वारा किये गये कामों, वर्तमान में चल रहे परियोजनाओं के अलावा उन योजनाओं पर भी चर्चा की जो अभी पाइपलाइन में हैं।

खबर है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भी आरएसएस और सरकार के बीच एक ऐसी ही बैठक होगी। इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे। इस बैठक को लेकर आरएसएस के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि ना तो यह एक समन्वय बैठक थी और ना ही इस मीटिंग में किसी तरह का कोई निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि साल 2007 से ही ऐसी बैठकें होती आई हैं। इन बैठकों में आरएसएस कार्यकर्ता सरकार को लेकर अपने अनुभव, प्रयोग और विचार रखते हैं। इसके अलावा इस मीटिंग में सरकार के लिए नए उपयोगी विचारों को भी रखा जाता है।

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